अब हर रात ये क्या हो रही है ???
आँखें ख़्वाब में मुब्तला हो रही है 👀
साँसे मेरी फिर महकना चाहती हैं 💕
शायद धड़कनों की किसी से राब्ता हो रही है ✍🏻-
Dhai hurf ke ishq kO alfaaZ dene aaya hu...
Mai bejubaañ ishq kO ... read more
जहाँ चले थे कभी हम
दोनों हाथ पकड़के
वो रास्ते आते हैं याद
यार तुमसे बिछड़के
फिर याद आयी है हमें-
एक भुला हुआ शहर,
वो सुनसान सी सड़कें
फिर दोनों का अलग हो जाना
छोटी सी बात पे लड़के
अब चाहता हुँ कि उसी बात पे,
फिर दोनों दिल धड़के
फिर उन रास्तों से गुज़रूँ
फिर दोनों हाथ पकड़के
-
सुनो! जरा एक काम कर दो
अपनी चूड़ियों को मेरे नाम कर दो
बन के चूड़ी तेरी कलाई में खंकुँ मैं
जल्दी से कुछ ऐसी इंतज़ाम कर दो-
खूब जमेगा मुलाकात का रंग
ज़रा ढलने तो दो इस रात का रंग
फिर घोलुँगा इश्क़ के पियाले में
तेरे हुस्न के संग जज़्बात का रंग
तेरे शबनमी आँखों ने बिगाड़ा है, वरना
इतने मलंग न थे मिज़ाज मेरे
ना इतने रंगीन थे मेरे ख़यालात का रंग
अब ज़िद्द कर बैठी है आँखों ने देखने की
कि कितना जच्ता है आधी रात को
मेरे हाथ में तेरे हाथ का रंग-
हो चांद शर्म से पानी- पानी, तेरा रूप नहीं है इंसानी
दूर देश से आयी है तु, तु परी है कोई आसमानी🧚
तेरे नखड़े सारे उठाऊं मैं, तु करना मन भरके मनमानी
तेरी नटखट- नटखट- सी बातें, अय !! हय !! तेरी नादानी😘👌
जब से आंख मिलाया है, रात रात भर जगाया है
तेरे गोरे- गोरे गालों ने, तेरे ग़ज़ाली आंखें तिलिस्मानी✍️
तुम को जब से देख लिया, हम को हम से लुट लिया
तेरे उलझे- सुलझे बालों ने, तेरे लाल-लाल होंठ फूलदानी🌹-
मेहंदी में मेरा नाम छुपाना, राज है
मेरे पसंद का रंग पहनना, राज है
जब जब गुजरूँ तेरे गली से, मुझे दूर तक,
देखने की कोशिश करना, राज है
सहेली के घर जाना है,
ये कह के घर से निकलना,
हर बार मुझसे मिलने का,
बहाना बनाना, राज है
तेरा तंग आना, और आँचल को
बार बार सवाँरना
और, मेरी शरारत, तेरे काँधें से दुपट्टा
बार बार गिराना, राज है-
मैं पकड़ लुँ आज, तेरा हाथ चुपके से
तुम्हें बतानी है कानों में, कुछ बात चुपके से
आज करीब ही रहना मेरे, भर लुँगा
तुम्हें बाहों में, आज रात चुपके से
तुम समझ भी ना पाओगी, हुआ क्या
तुम्हारे साथ चुपके से
तुम शरमा-सी जाओगी, होगी जब होंठो से,
होंठो की, मुलाकात चुपके से
और
न मरूँ तुझसे पहले, न मैं जीऊँ तेरे बाद
तेरे संग जीने को खुदा से
माँग लुँगा मैं बस,
इतनी-सी, हयात चुपके से-
मेरी जिंदगी में अब
मेरी आरजु हो गई
इस जिंदगी को अब
तेरी आरजु हो गई
बेखुदी में गुजरती हैं, अब रातें मेरी
मेरे तनहा तनहा रातों को
तेरे जुल्फों की आरजु हो गई
और,
शराब जिसे चाहिए उसे दे दो
मेरे प्यासी प्यासी होंठो को अब
तेरे होंठो की आरजु हो गई-