Shami Ahmad   (Shami_azizi)
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Joined 8 April 2020


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Joined 8 April 2020
14 JAN 2022 AT 23:17

अब हर रात ये क्या हो रही है ???
आँखें ख़्वाब में मुब्तला हो रही है 👀
साँसे मेरी फिर महकना चाहती हैं 💕
शायद धड़कनों की किसी से राब्ता हो रही है ✍🏻

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13 NOV 2021 AT 18:20

सुरमई शाम के साए में
वो रहते हैं मेरे सीने के बाएँ में

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1 NOV 2021 AT 22:01

जहाँ चले थे कभी हम
दोनों हाथ पकड़के
वो रास्ते आते हैं याद
यार तुमसे बिछड़के

फिर याद आयी है हमें-
एक भुला हुआ शहर,
वो सुनसान सी सड़कें
फिर दोनों का अलग हो जाना
छोटी सी बात पे लड़के

अब चाहता हुँ कि उसी बात पे,
फिर दोनों दिल धड़के
फिर उन रास्तों से गुज़रूँ
फिर दोनों हाथ पकड़के

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26 OCT 2021 AT 22:57

सुनो! जरा एक काम कर दो
अपनी चूड़ियों को मेरे नाम कर दो
बन के चूड़ी तेरी कलाई में खंकुँ मैं
जल्दी से कुछ ऐसी इंतज़ाम कर दो

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5 MAY 2020 AT 5:07

खूब जमेगा मुलाकात का रंग
ज़रा ढलने तो दो इस रात का रंग
फिर घोलुँगा इश्क़ के पियाले में
तेरे हुस्न के संग जज़्बात का रंग

तेरे शबनमी आँखों ने बिगाड़ा है, वरना
इतने मलंग न थे मिज़ाज मेरे
ना इतने रंगीन थे मेरे ख़यालात का रंग

अब ज़िद्द कर बैठी है आँखों ने देखने की
कि कितना जच्ता है आधी रात को
मेरे हाथ में तेरे हाथ का रंग

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26 APR 2020 AT 0:29

हो‌ चांद शर्म से पानी- पानी, तेरा रूप नहीं है इंसानी
दूर देश से आयी है तु, तु परी है कोई आसमानी🧚

तेरे नखड़े सारे उठाऊं मैं, तु करना मन भरके मनमानी
तेरी नटखट- नटखट- सी बातें, अय !! हय !! तेरी नादानी😘👌

जब से आंख मिलाया है, रात रात भर जगाया है
तेरे गोरे- गोरे गालों ने, तेरे ग़ज़ाली आंखें तिलिस्मानी✍️

तुम को जब से देख लिया, हम को हम से लुट लिया
तेरे उलझे- सुलझे बालों ने, तेरे लाल-लाल होंठ फूलदानी🌹

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22 APR 2020 AT 3:46

मेहंदी में मेरा नाम छुपाना, राज है
मेरे पसंद का रंग पहनना, राज है
जब जब गुजरूँ तेरे गली से, मुझे दूर तक,
देखने की कोशिश करना, राज है


सहेली के घर जाना है,
ये कह के घर से निकलना,
हर बार मुझसे मिलने का,
बहाना बनाना, राज है

तेरा तंग आना, और आँचल को
बार बार सवाँरना
और, मेरी शरारत, तेरे काँधें से दुपट्टा
बार बार गिराना, राज है

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21 APR 2020 AT 0:00

a "MAN" with "BROKEN HEART".
💔 💔 💔

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20 APR 2020 AT 15:43

मेरी जिंदगी में अब
मेरी आरजु हो गई
इस जिंदगी को अब
तेरी आरजु हो गई

बेखुदी में गुजरती हैं, अब रातें मेरी
मेरे तनहा तनहा रातों को
तेरे जुल्फों की आरजु हो गई
और,
शराब जिसे चाहिए उसे दे दो
मेरे प्यासी प्यासी होंठो को अब
तेरे होंठो की आरजु हो गई

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8 APR 2020 AT 19:55

Farebi ankhOn wali,
Tu bhi farebi nikli.
Dawa kah ke dard dene wali,
Tu to karibi nikli.

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