इश्क उन पत्तो का था जो झड़ गये, अभी तो कलिया आने बाकी है।
अभी तो मौसम सर्द है, बसंत के फूल आने बाकी है।
सुनहरे तितलियों और गुनगुनाते भवरो के आने बाकी है।
यू बदलते मौसम में इश्क का तपना बाकि है।
अभी कहा देखे आसमान चीरते बिजलिया, तुफानो के आने बाकि है।
टूटे टहनियों और बिखरते घोसलो के दर्द बाकि है।
इस घनघोर अँधेरे रस्ते में , मंजिले इबादत अभी बाकि है, +R-
खुदा सच भी है और सच्चाई भी।
खुदा ज्ञान भी है और ज्ञानी भी।।
खुदा जज्बात भी है और जज्बाती भी।
खुदा प्रेम भी है और प्रेमी भी।।
(11-01-2022)-
a soul of peace without any gender,
a coal of faith burning to surrender....-
कितनी इबादत करूँ ओ खुदा अब तो बता दे मुझे
ढूँढू तुम्हें या रुक जाऊँ कोई तो राह दिखा दे मुझे....
मेरी ये आँखें भीगी सी हैं जो बस तेरी ही राह निहारें
टूटा हुआ एक दिल है मेरा जो बस तेरा ही नाम पुकारे,
मेरा तो जीवन फसा भंवर में जो है बस तेरे ही सहारे
जीवन मृत्यु शून्य जहाँ है बस वहाँ का पता दे मुझे
कितनी इबादत करूँ ओ खुदा अब तो बता दे मुझे..
गीता पढूँ या रामायण या फिर सारे वेद ही पढ़ लूँ
पूजा करूँ या हवन पाठ या फिर मैं सत्संग ही कर लूँ,
मन्दिर जाऊँ या मस्जिद में या फिर चारों धाम ही कर लूँ
तूं योगियों के बसा ध्यान में उसी ध्यान का दे ज्ञान मुझे
कितनी इबादत करूँ ओ खुदा अब तो बता दे मुझे
ढूँढू तुम्हे या रुक जाऊँ कोई तो राह दिखा दे मुझे....
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ना जाने कौन मेरे हक में दुआ पढता है,
डूबता भी हूँ तो समंदर उछाल देता है : )
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कब तक मेरे बातों पर तोहमत करोगे
ए खुदा सिर्फ मुझ पर ही जहमत करोगे
क्या मुझे खुशी अच्छी नहीं लगती है क्या
आप ही बताओ कब मेरी किस्मत अच्छी करोगे
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Gam itne jyada
Umeed jara si
Bahut jyada gehri
Hui hai udasi
Har udasi ke badal ko
Hatana hoga
Bahut badh chuke han ko
Ghatana hoga
Intehaan na le aise
Ki yakeen tut jaye
Bharose ka daman kahin chut jaye
Jo kismat giraye
To tu hi sambhale
Mere ghar ki khushiyan
Ab tere hawale
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वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ:।
निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा॥
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बस अब तो जो मांगी हैं दुआ रब से वो कबूल हो जाए,
रब अब तो वहीं देदे की तेरे क़दमों में हम फना हो जाए।।-
ना जाने किसने पढ़ी है मेरे हक में दुआएं
आज तबियत में थोड़ा आराम लगता है...-