"अतीत"
"अतीत की यात्रा पर एक नज़र।
उद्देस्य से भटककर दिशाहीन हम।
अशांत, बदहोश, निर्णयहीन क्यूं।
समय की तिजोरी में बंद भविष्य।"
"कुछ खास करने को आतुर हर पल।
चंद लम्हो सिमटा अतीत का हर पल।
भविष्य की स्वर्ण कलम की हो चाह।
आसमान छू लेने को प्रेरित हर वक्त।"
"भय से अंछुआ न है जीवन।
प्रतिक्रिया वादी रहा हो वक्तव्य।
वर्तमान का पल में बीत जाना।
अतीत की यादें संजोता जीवन।" +R-
Thoughts need a pen and I like to explore all of it's ... read more
"अजनबी सिक्के"
हाले मशकत जो दो चार हाँथ लगे।
फटी जेब कुछ सरके कुछ पास रहे।
वजन देख छाट कुछ संग्रह हुए।
कुछ एक यु ही खर्च हूए।
कर्म धर्म से जो कमाए।
थोड़े मिले कुछ अजनबी हूए।
हर एक पर चढ़ा एक सा रंग।
बगैर इसके सब बदरंग।
पूछ इसकी इतनी मानो ना मानो।
साथ इसके गैर भी अपने।
साथ रह अज़नबी कोई इन सिक्को से सीखे।
बगैर इसके अपने भी व्यवहार करें अज़नबी जैसे।+R-
Life chess yah,To make you a fool again.
Life of richness or death of a poor.
They say truble me not to live.
They do everything to feal free themselves.
Life has no time to take the revange.
I fallen learnig life again and again.
This crowd, no one gonna see again.
Help me cross this pain again and again.
Not making memories nither making fame.
Except the money their is no gain.
In a race of derby they bet on you again.
We keep doing it again and again. +R
22:50 2 july 2021-
When the law become bars and suffocates like a cage, we must try escape it. +R
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We will be never live happy and the biggest reason is injustice. +R
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A corrupt nation give birth to a corrrupt son and they make ill society.+R
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"मैं "
मैं से शुरू मैं पर ख़त्म।
कौन हुँ मैं की तलाश।
जारी थी कल तक अब तक।
मैं को मैं मिला कुछ हद तक।
तह दर तह मैं खुलता गया।
दिन हर दिन मैं कटता गया।
मिला मैं खुद को हर बार अकेला।
खोज मैं की वक्त हर वक्त मैं करता रहा।
हर गुजरते वक्त को संजोता रहा।
कर्म की कमाई मैं संचय करता रहा।
मैं का अस्तित्व बनता गया।
हम से मैं बिछड़ता गया।+R-
"किन्नर बने अर्जुन"
स्वाभिमान अभिमान से परिचित कृष्ण।
देव को अर्पण किन्नर बने अर्जुन आज।
अभिमान ना है जचता जिस देव कला सौंदर्य को।
नवजीवन निभाते शीतल कया मनमुगथ करती।
उत्थान या पतन के भागीदार बने सब।
छुपते छुपाते नृत्य कला दर्शाते अर्जुन आज।
बस कला मात्र है क्या जो देव मन भाये!
नृत्य भाव भंगीमा देख इंद्र दर्शनभिलसी आज।
निशब्द जैसे बोले अंग अंग गीत अनेक।
जैसे हर्ष से भरा फूलो का बगीचा।
स्वेत, सम्पूर्ण, मनमोहक नृत्य सारस रूप धरे अर्जुन।
देव देवांगन की धरती पर स्वर्ग की रचना है अदभुत।
+R-
Grow with tree.
A.) A concept to not cut a tree.
B.) Why to cut a complete tree?
C.) Technique to grow after Excision.
D.) "Born with a tree!!"plant a tree with yours name.
E.) Looking for a partner a billion $ project.
F.) Many more comming soon.+ R-
Possible Covid failure reasons:
1.) International flights carring suspect.
2.) Complete lockdown failure.
3.) Slow vaccination process.
4.) Many compnies still working.
5.) Seriousness.+R-