।।अनजाना अफसाना।।
तुम अकेले थे,हम तन्हा थे,
मिलकर जुडे इस कदर,अब हम बेपरवाह थे,
तुम्हारा मुस्कुराना, तुम्हारी मासूमियत,
तुम्हारा यूँ खिलखिलाकर हस जाना,
तुम्हारे गाने मे अलग ही अंदाज का झलक जाना,
तुम्हारा पास बेठकर पूरी दुनिया से अलग हो जाना,
बेखबर हे हम मगर,कुछ तो हे हमारा अनजाना सा अफसाना,
तुम्हारे शब्दो का यू धागो मे पिरोना,
मुझे खुद मे जोड़े रखना,हस कर मुझे समझाना,
खुद आँखो मे आँसू लेकर,मुझे प्यार से बहलाना,
मेरे आँखो मे आँसू देखकर,तुम्हारा मुझे यू गले लगाना,
रिश्ता कुछ अलग हे हमारा,कुछ तो हे हमारा अनजाना सा अफसाना,
तुम से तुम, मुझ से मे था,
अब नजाने कब ये सफर हम से था,
शायद, सफर तुम्हारे साथ लम्बा नही,
हसीन हे, बाकी कुछ मुझे परवाह नही,
आँखो मे तुम बस जाओगी,आँखो की चमक तुम बन जाओगी,
किस्मत बहोत हसींन होगी उस इन्सान की,
जिसकी किस्मत की लकिर मे तुम लिखी जाओगी,
रिश्ता कुछ अलग हे हमारा,कुछ तो हे हमारा अनजाना सा अफसाना,
चंचल मन और तेरी कोमल काया,
तुम इतना साफ दिल केसे मुझे इतना ही बतलाना,
तुमने मुझसे ज्यादा मुझ को ढूंढा,
खुली किताब को मानो अपने शब्दो से सिंचा,
तुमको मेने जितना भी पढा,मुजे सब कुछ खुद सा लगा,
रिश्ता कुछ अलग हे हमारा,कुछ तो हे हमारा अनजाना सा अफसाना,
क्या अफसाना हे तुम मुझे बतलाओगी,
अनजाना अफसाना तुम मुझे समझाओगी,
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