" सूचना है "
Read in caption-
The whole country is troubled by the "Corona Virus" and it is not known how many people are suffering from this, you have to take care of yourself, wash your hands clean daily and cover your face while going out and do not shake hands with anyone...!
पुरे देश कोरोना वायरस से परेशान है और न जाने कितने लोग इस पीड़ित है आपको अपना ख्याल खुद रखना है रोज़ाना अपने हाथ को साफ़ धोये और बाहर निकलते वक़्त अपने चेहरे को ढांक कर रखे और किसी से हाथ न मिलाये...-
गिरा कर झोपड़ी गरीबों की तू अपना महल बनाता है,
ऐ इन्सान तू इन्सानियत क्यो नहीं दिखाता है?
करवा काम जानवरों से तू फिर उन्हें मार कर खाता है,
ऐ इन्सान तू इन्सानियत क्यो नहीं दिखाता है?
करो न ऐसा कुछ भी तुम जो तुमको खुद ना भाता है,
घरों में बंद रहकर क्या अब पिंजरे का अर्थ समझ आता है ?
जिस प्राकृति ने तुमको सब कुछ दिया जिससे तुम्हारा गहरा नाता है,
करो न अत्याचार तुम यह वक्त हमें समझा रहा है।
करो ना कुछ भी गलत तुम वायरस चीख चीख चिलाता है,
अगर न समझे अभी भी हम तो झूठा समझदारी का दावा है।
ना करो ऐसा काम तुम कि फिर से आए कोरोना,
कहने तुम्हारे पास बस अब हैवानियत बन्द करो ना।-
I think quarantine is deadlier for many desi families than corona virus.
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समस्याओं से घिरा हैं मेरा मन
चांद-तारों से पूछा भी मैंने
कि क्यूं हैं वो इतने नम ,
क्या भाग्य ने किया कोई ईशारा हैं
मुस्कुरा कर बोले
" अंधेरों के बाद , उजला सवेरा तुम्हारा हैं "|-
हे भगवान तूही लापरवाह है।
मौत के जश्न में डूबे ये, तेरे भक्त इसके गवाह हैं।-
यह ज़मीं इतनी हैरान क्यूं है
यह शहर इतना वीरान क्यूं है।
भरे तो हैं सारे मोहल्ले यहां पर
फिर सारी गलियां सूनसान क्यूं है।
फ़ूल तो हैं हर एक रंग के चमन में
पर गुलिस्तां की ख़ुशबू नाशवान क्यूं है।
गर उठा था छोटा सा भंवर दरिया में
तो दिखता प्रलयकारी तूफ़ान क्यूं है।
जब आग लगी थी एक ही जंगल में
तो फिर काला पूरा आसमान क्यूं है।
गर गलती है चन्द गैरफिक्र दरिंदों की
तो सज़ायाफ़्ता सारे इन्सान क्यूं है।-
इस 👉इमोजी😷 को पता था कि, कोरोना आने वाला है,
इसने बताया नहीं,इसे कहते है आस्तीन का सांप🐍..
घर पर रहे,स्वस्थ्य रहे,मस्त रहे-
है काल बनके बरस रहा
कोई अदृश्य शक्ति, फैल रहा हवा में
नफरतों का ज़हर..
है मौत का तांडव, मच गया हाहाकार
कांपती है दुनिया, हर सोच बेकार..
न मिले कफ़न, न दो गज ज़मीन
ऐसा है मौत का कहर,
कि उड़ गए सबके होश..
नसीब नहीं कंधा, न तुलसी गंगाजल,
न अपनो का साथ,
छा गया काला साया आसमान में
न मिले रूह को आराम..
पड़ गए कम हॉस्पिटल, ऑक्सीजन, शमशान
देख ईश्वर की माया
हो गए सब बेबस लाचार..
फेल हो गए सभी वैज्ञानिक
फेल हो गया विज्ञान
जलती चिताए देख
सब करने लगे ईश्वर से आस..!-