चिन्ता नहीं करना बाहर...
निशा हो या 🌞सवेरा🌞 हो...
फिक्र बस इतना करना कि...
तेरे अंतर्मन में न अँधेरा हो...-
तुम आज भूखे ना रहो इसकी चिंता माँ करती है
तुम कल भूखे ना रह जाओ ये इंतजाम पिता करते है
तुम्हारे जीवनकाल में बस यही दो बातें
अनंतकाल तक तुम्हारे साथ होंगी-
Karm kro fal ki
chinta mat kro
Fal to fruit bechne wala
bhi de deta hai-
Me (with double chin): chin ta ta Chita chita!
Me (without double chin): chin-na mere ya mere ya, chin-na mere ya!!-
"मुस्कान खोई सी है, चिंता की शिकन बढ़ रही है....
शायद नियति फिर से, कोई नई मुसीबत गढ़ रही है..."-
कोई आपके बारे में
क्या सोचता है या बोलता है
इस की चिंता में वक़्त बरबाद मत करो।
बल्कि ऐसे काम में मन और वक़्त लगाओ
कि लोग ओरो की कम आपकी ज्यादा सुने ।-
काश!
आज कोई गले लगाकर कहें
की क्युँ ऐसे उदास हो
क्यूँ जिंदगी से नाराज़ हो
क्यूँ किस्मत़ से खफा़ हो
क्यूँ वक्त से परेशान हो
क्यूँ खूद से अँजान हो।
"मैं हूँ ना "सब ढीक हो जाएगा
जिंदगी में ये सब
तो चलता ही रहता है,चलता रहेगा
व्यर्थ की चिंता क्यूँ करती हो।
-
*चिंता*😔
वो बचपन के दिन कितने प्यारे थे ना..
न कोई चिंता हमें सताती थी और न ही
किसी बात की हमें चिंता होती थी क्योंकि उस
समय हमारी कोई जिम्मेदारियां नहीं होती थी।
बस उठना- सोना , खाना- पीना , खेलना -कूदना,
घूमना- फिरना इन सब से हमारा
दिन बिना चिंता किए बगैर बीत जाता था।
लेकिन जैसे -जैसे हम बड़े होते गए
हमारी जिम्मेदारियां भी बनती गई और
इसी ज़िम्मेदारी ने हमें चिंता में
डालना शुरू कर दिया और हमनें अपनी ज़िंदगी
चिंता के साथ जीना शुरू कर दिया।
-