दोस्ती तो नादानियों से चलती है 'साहब'
चालाकियों से अक्सर जंग चला करती है।-
कभी भी ज्यादा चालाक बनने की कोशिश न ही कीजिएगा
क्योंकि सुना है ,
"चालाकी नामक बच्चे"को अपने घर का पता मुंह जुबानी याद है
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चालाकी किस दुकान पर मिलती है।
दोस्तों हमें भी बताना।।
यहाँ हर कोई ठग लेता है।
ज़रा सी अच्छाईयां गिना कर।।
🍁🍃🍁🍃🍁😏😏-
चालाकी का डिप्लोमा कर रहा हूं साहब
कोई फायदा नहीं है मेरी सादगी की डिग्री का
😆😅😅😅😅😄😄😄😄-
नींद से क्या शिकवा....जो आती नही रही रात भर
कसूर तो तेरे चेहरे का है जो सोने नही देता❣-
Yaa Toh Hume Bhi Chalaki Karni Sikhayi Jaye
Yaa Fir Maasumo Ki Ek Alag Basti Basayi Jaye..🙌-
भी वो कर ना पाया !
वक़्त बन्द मुठ्ठी से रेत
की तरह फिसलता रहा !
उम्र के इस पड़ाव पर
मंजिल अब मृगतृष्णा
सी प्रतित होती है ।
काश मैनें भी वक़्त रहते
चालाकी सिखी होती
और सही-ग़लत रास्ते
से बेपरवाह बस
मंजिल की सोचता !
ना कर पाया वो सब कुछ
सोचा हुआ था जो कुछ-
ना घमंड रखती हूं,,,,
और ना गुमान रखती हूं...
मुझे समझदारो वाली,,,
चालाकी नहीं आती...
मैं पागल थी,,,
और पागल ही अच्छी हूं जनाब...
मुझे गिरगिट सा रंग बदलने वाली,,,,
कलाकारी नहीं आती...-
चालाकी भी बहुत जरूरी है ,
क्योंकि अक्सर सीधे पेड़
ज्यादा जल्दी काटे जाते है।-