एक sorry पर टाल देती है, हमें वो
उसकी व्यस्तता/नज़रअंदाजगी में, गैर जरूरी से हम-
Pradum
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Ista id;- pradumpk357 (pradum kaifLer)
Joined 5 March 2020
22 APR 2022 AT 12:32
21 APR 2022 AT 15:40
तेरा दूर जाना ही काफ़ी था मुझे उम्र भर तड़पाने के लिए...
गैरों के साथ मुस्कुरा कर मेरे जख्मो को हवा न दो-
19 APR 2022 AT 21:46
क्या हुस्न था...! की आँखों से देखा हजार बार
फिर भी नज़र को हसरत-ए-दीदार रह गया I-
19 APR 2022 AT 17:04
इश्क़ को भी इश्क़ हो तो फिर देखूं मैं इश्क़ को भी कैसे तड़पे, कैसे रोये, इश्क़ अपने इश्क़ में।।
-
18 APR 2022 AT 19:37
जहाँ इंसान का होना,
ना होना बराबर हो जाये!
वहाँ उस इंसान का
ना होना ज़्यदा बेहतर होता है!-
18 APR 2022 AT 7:36
आँखों से दूर सुब्ह के तारे चले गए
नींद आ गई तो ग़म के नज़ारे चले गए
दिल था किसी की याद मे मशरूफ़ और हम शीशे मे जिंदगी को उतारे चले गए
मुश्किल था कुछ तो ऐश का जीतना
कुछ जीतने के ख़ौफ़ से हारे चले गए
नाकामी-ए-हयात का करते भी क्या गिला
4 दिन गुजारना था गुजारें चले गए-