उड़ती कागज की पतंग लाए,
सूरज के साथ मुस्कुराए।
उड़ती पतंग कि डोर थामें
नील गगन के सैर का... ,
आओ मिल आनंद उठाएं ।
खेतों में गायें भी राग सुनाए,
मकर संक्रांति का रंग जब छाए।
तिल, गुड़, और गर्मी की ठंडक,
हर घर में है खुशियों की बौछार।
पतंगों की मेले में रंग भरे,
बचपन की यादें दिल में धरे।
मकर संक्रांति का यह त्योहार,
लाए हर दिल में प्यार।
धूप की किरणों में रंगी हर धरा,
सुनहरा है मकर संक्रांति का त्योहार ।
-