Sandeep Kumar   (कुमार संदीप)
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Welcome to my BIO
DOB - 29 November
#sandybanarasi
#go4sandeep
Joined 9 November 2020


Welcome to my BIO
DOB - 29 November
#sandybanarasi
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Joined 9 November 2020
15 JAN AT 10:56

उड़ती कागज की पतंग लाए,
सूरज के साथ मुस्कुराए।

उड़ती पतंग कि डोर थामें
नील गगन के सैर का... ,
आओ मिल आनंद उठाएं ।

खेतों में गायें भी राग सुनाए,
मकर संक्रांति का रंग जब छाए।

तिल, गुड़, और गर्मी की ठंडक,
हर घर में है खुशियों की बौछार।

पतंगों की मेले में रंग भरे,
बचपन की यादें दिल में धरे।

मकर संक्रांति का यह त्योहार,
लाए हर दिल में प्यार।

धूप की किरणों में रंगी हर धरा,
सुनहरा है मकर संक्रांति का त्योहार ।

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20 OCT 2023 AT 8:44

मेरे दिल की ये आरज़ू है कि
जि भर के तुझे प्यार करूं
तुझे सामने बिठाकर
घंटों.... तेरा दीदार करूं
तुझको बाहों में भर के
अपने प्यार का इज़हार करुं
पर तुझे शायद ये मंजूर नहीं
कैसे मैं तुझे यकीन दिलाऊ
कि तु मुझेसे एक पल भी दूर नहीं ।।

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29 SEP 2023 AT 20:51

एक तरफा प्यार का दर्द ,
दिल को छू लेने वाला था।
ख्वाबों जैसा था,
प्यार का वो तोहफा ....
अब तो बस यादें हीं बची हैं।
वो आँखों की मुलाकातें भीं
बड़ी मुश्किल से नसीब होती है
वो होंठों की मिठास।
तुझे पाने की आस
तन्हाई ही है मेरा नसीब
बस ख्यालों में ही है तू मेरे पास
पर क्या करूँ, ये तन्हाई
तेरे लिए मेरा एक तरफा प्यार
और जमाने भर की रुसवाई ।

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16 JUN 2023 AT 16:10

जिंदगी ने ना जाने कैसे ? मेरे साथ दगा किया
की वफाओं ने भी मेरे साथ वफा न किया..!
जिसको चाहा था जान से भी ज्यादा
उसी शख़्स ने मेरे साथ दगा किया !!

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15 JUN 2023 AT 13:20

ये जा़म तो उठा ले , और होंठ से लगा ले
छाने लगे  सुरूर तो एक बार मुस्कुरा ले !

वो जीना भी क्या जीना है जिसमें ना हो पीना ।

जिसने ये रस पिया , वो जिंदगी जिया
ना चखा जिसने ये जाम , क्या ख़ाक वो जिया ?

शराब का प्याला क्या .....उठाया  हमने ,
ज़िंदगी के सवालों से दूर हो गये।
उड़ चले आसमानों की बुलंदियों पे,
अपनी नाकामयाबी और मजबूरियों से दूर हो गए....

उड़ती हुई रातों में चमकता सितारा है,
दरिया जैसी आवाज़ में चहकता किनारा है। किसी को मुस्कान, किसी को आंसू देता है,
धीमे धीमे सारे गमों को खुद में घुला लेता है।

आहिस्ता आहिस्ता चढ़ता है इसका नशा!

इसकी मदहोशी में खो जाती है रातें
याद आती है भूली बिसरी बातें

ज़िंदगी का हर रंग देखा है मैंने,
पर शराब के प्यालों में ही सच्चाई छुपी है।

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30 APR 2023 AT 14:24

Nature

Nature is our mother and the foundation of life. Its beauty is infinite and boundless.

Every moment it has a beautiful color, every day its fragrance is sweet. Peace comes from every corner, and the sight of it fills the heart with joy.

Its blessings bring enterprise, a courtyard of trees. Its love is the waves of the sea, and in its imagination, we dance with the moon, stars, and forests.

Those who pay homage to it receive the gift of life. Its affection gives us all abundant love forever.

But our materialistic and consumerist desires are causing its destruction. Our unfulfilled desires for development are leading to its ruin.

Let's take an oath today to save the environment from destruction. Let's plant trees around us and create distance from mining and plastics.

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30 APR 2023 AT 13:42

प्रकृति हमारी माँ है, और जीवन का आधार भी। उसकी सुंदरता अनंत है और अपरंपार भी ।

हर पल उसका रंग सुहाना, हर दिन उसकी सुगंध मधुर है। हर कोने से आती शांति, उसके दर्शन से  मन प्रफुल्ल है।

उसकी कृपा से होता उद्यम, उसका वरदान
वृक्षों का आंगन। उसका प्यार है समुद्र कि लहरें , उसकी कल्पना में झूमते... चांद सितारे और वन - उपवन ।


जो उसका अभिवादन करता , उसे जीवन का मिलता उपहार । उसकी ममता हम सबको आजीवन देती भरपूर प्यार ।

पर हमारी भौतिकवादी और उपभोग वादी  अति दोहन की लालसा , कर रही इसका विनाश
अपने अतृप्त लालसा को मान बैठे हम विकास ,

आओ आज हम कसम खाएं पर्यावरण को नष्ट होने से बचाएं । अपने आसपास वृक्ष लगाएं
खनन - हनन और पॉलिथीन से दूरी बनाएं

        


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14 MAR 2023 AT 23:42

जिंदगी ने , ना जाने कैसे मेरे साथ दगा किया
की वफाओं ने भी मेरे साथ वफा न किया 😭

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14 MAR 2023 AT 23:29

इज़हारे मोहब्बत करते तो हम तुम्हारे होते
हम आज तुम्हारे आंखों के तारे होते....
****************
बेगाने से जो फिरते हैं मोहब्बत की गलियों में
आशिकों के किस्सों में चर्चे हमारे भी होते....

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6 FEB 2023 AT 7:44

तुझसे दूर होना , तनहाई में
तुझे याद कर यूं आंखों
का नम होना .......

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