ग़ज़ल
तू रूठ गया तो दिल भी तन्हा हो गया,
तेरे बिना हर ख्वाब अधूरा हो गया।
चाँदनी रातें अब उदास लगती हैं,
तेरे बिना हर लम्हा सज़ा हो गया।
लबों पे हंसी तो है मगर मजबूरी की,
दिल का हर कोना दर्द से भरा हो गया।
वो तेरी यादों का सैलाब क्या उठा,
हमारा जहान ही डूबता-सा हो गया।
अब भी तेरा नाम दुआओं में आता है,
जाने क्यों इश्क़ इतना वफ़ा हो गया।
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ग़ज़ल
तेरे बिना ज़िंदगी अधूरी सी लगे,
तेरी यादें भी अब कुछ मजबूरी सी लगे।
वो बातें, वो हँसी, वो मुलाक़ातें सारी,
अब तो हर शाम तन्हा सफ़र-ए-शूरी सी लगे।
तेरे जाने के बाद दिल टूटा इस तरह,
जैसे शीशे में दरारें ज़रूरी सी लगे।
ख़्वाब आँखों में सजाए थे जो तुझसे मिलकर,
अब हर ख्वाब भी राख़ की दस्तूरी सी लगे।
प्यार तो अब भी तुझसे बेहिसाब है मेरा,
बस जुदाई की राहें मज़बूरी सी लगे।-
ग़ज़ल
ज़ख़्म दिल के किसी से कहे भी तो कैसे,
हँसते चेहरे पे आँसू सजे भी तो कैसे।
रात तन्हा है, ख्वाबों में तू ही तू आए,
तेरे बिन ये सफ़र कटे भी तो कैसे।
हर दुआ में तेरा नाम ही निकल आता है,
दर्द दिल का किसी से छुपे भी तो कैसे।
वक़्त बेरहम है, दिल को सुकून ना देगा,
टूटे रिश्ते फिर से जुड़े भी तो कैसे।
तेरी यादों का समंदर है आँखों में मेरे,
इन लहरों से बच कर रहे भी तो कैसे।
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ग़ज़ल
तेरी आँखों में जो समंदर की गहराई देखी,
उसी गहराई में मैंने अपनी तन्हाई देखी।
तेरे होंठों की हंसी जब से मेरे नाम हुई,
हर दुआ में बस उसी की रोशनाई देखी।
तेरे आने से महकने लगी मेरी सांसों की ख़ुशबू,
तेरे जाने से हर धड़कन में वीरानी देखी।
मोहब्बत का असर इतना हुआ तेरे जिक्र का,
हर शेर में, हर लफ़्ज़ में तेरी परछाई देखी।
कभी तुझसे जुदा होकर भी जी लिया था मैं,
मगर उस जीने में सिर्फ़ जुदाई देखी।
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ग़ज़ल
तेरे बिन रातें बहुत तन्हा गुज़र जाती हैं,
ख़्वाब आँखों में अधूरे ही बिखर जाती हैं।
लबों पे हँसी का नक़ाब तो रख लेता हूँ,
मगर भीतर से सदाएँ तो उतर जाती हैं।
वो लम्हे, तेरी यादें, तेरी बातें सब कुछ,
दिल के सन्नाटे में आकर संवर जाती हैं।
तेरे वादों का सहारा भी नहीं अब मुझको,
रूह तक दर्द से जैसे उतर जाती हैं।
अब तो दिल सोच के डरने लगा है
मोहब्बतें क्यों हमेशा ही बिखर जाती हैं।
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🌸 जन्माष्टमी विशेष कविता 🌸
माखन की महक, बांसुरी की तान,
नंदलाल के संग सजा ब्रजधाम।
गोपियों के दिल की है मधुर पुकार,
कान्हा के बिना है जीवन बेकार।
झूलें पर बैठी नटखट मुस्कान,
मुरली की गूँज से महके जहान।
जन्माष्टमी का पावन ये पर्व,
लाए हर दिल में प्रेम और गर्व।
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**भारत माता का सौंदर्य**
पंद्रह अगस्त का दिन है खास,
हर दिल में है आज उल्लास।
स्वतंत्रता का रंग लहराए,
भारत माता भी मुस्काए।
देश की मिट्टी में है जादू,
सपनों से भरा है हर आंगन।
आओ मिलकर हम गर्व करें,
माँ भारती का मान बढ़ाएं।
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"तेरे बाद…" (ग़ज़ल)
तेरे बाद इस दिल को बहलाया नहीं जाता,
तेरी याद को मुझसे मिटाया नहीं जाता।
तेरी तस्वीर रखी है दिल के कोने में,
जिसे देखे बिना अब मुस्कुराया नहीं जाता।
तेरे कदमों की आहट थी मेरी ज़िंदगी,
उसके सिवा कोई भी अपनाया नहीं जाता।
लोग कहते हैं वक्त हर ज़ख्म भर देता है,
पर ये सच है… तेरा ग़म भुलाया नहीं जाता।
तेरी खुशबू अब भी मेरे लफ़्ज़ों में है,
तेरे बिना कोई शेर सजाया नहीं जाता।
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**तुम्हारी याद**
तुम्हारी यादों की बारिश में,
भीग जाता है मन का आँगन।
तेरी मुस्कान की चाँदनी,
रातों को बनाती है मधुबन।
तेरे बिना हर पल अधूरा,
जैसे बिना सुरों की तान।
तुम्हें पाकर जगमगा उठा,
मेरे जीवन का आसमान।-
वक़्त के साथ जो और गहरी हो जाए,
वो दोस्ती है… कोई आम बात नहीं।
बिन कहे जो दिल को समझ जाए,
वो रिश्ता है… कोई जज़्बात नहीं।
बचपन की टॉफी से लेकर
ज़िंदगी की कॉफ़ी तक,
हर लम्हा जिसमें शामिल हो,
वो दोस्ती है — कोई तर्जुबा नहीं।
न फॉर्मल हो, न ऑफिशियल,
बस दिल से दिल तक सीधी लाइन हो।
सुन ले खामोशी में भी जो बात,
ऐसी दोस्ती खुदा की दी गई एक साइन हो।
फ्रेंडशिप डे का तो एक दिन है बहाना,
वरना हर दिन दोस्त के बिना अधूरा सा अफसाना।
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