"सावन का पहला सोमवार"
बरसे बदरिया, भीगे धरा,
हर दिशा में गूंजे जयकारा।
सावन आया, श्रृंगार लाया,
भोले का फिर से सत्कार लाया।
गंगा-जल ले भक्त चलें,
काँवरियों के संग मन मचलें।
दूध-दही से करे अभिषेक,
हर हर बम बोले, गूंजे एक।
नीलकंठ वो, करुणा के सागर,
भस्म लपेटे, तांडव के रागर।
चंद्रमौली, त्रिनेत्रधारी,
सब दुःख हरते, पालनहारी।
सावन में जब रिमझिम बरसे,
मन शिव ध्यान में हरदम तरसे।
भोले के नाम से मिट जाए पीड़ा,
उन्हीं से तो है मुक्ति की कड़ी।
हे भोलेनाथ, शंभु हमारे,
कर दो कृपा, दुख सब टारे।
सावन में हर दिल ये गाए,
भोले के चरणों में जीवन समाए।
🌿🚩 हर-हर महादेव! बम-बम भोले! 🚩🌿-
सावन आया खुशियाँ लाया,
हरियाली का संदेशा लाया।
ठंडी बयारें, बूंदों की रिमझिम,
मन में उठे श्रद्धा की गूंजध्वनि।
नील गगन से बरसे फुहारे,
भोले के भक्ति छा जाए सारे।
डमरू बजे, बम-बम बोले,
शिव भक्ति में झूमे सब टोले।
मंदिर की घंटी, शंख की ध्वनि,
सावन में लगती सबसे सुगंधित वाणी।
गौरा संग शंकर मुस्काए,
भक्तों के कष्ट दूर भगाए।
कांवड़ यात्रा, हर हर गूंजे,
भोले की महिमा सबको बूझे।
श्रद्धा, भक्ति, प्रेम से मिलकर,
सावन को करें हम और भी सुंदर।
🙏 हर-हर महादेव! 🙏
🌿 शुभ सावन आरंभ 🌿-
वंदन उन गुरुओं को, जो दीप बने अज्ञान के द्वार,
जिनके स्नेह-संस्कार से, बदला जीवन हर बार।
ज्ञान का उजाला देकर, हटाया अंधकार,
कदम-कदम पर सिखाया, कैसे हो जीवन सार।
कभी डाँट में ममता छिपी, कभी प्रेम की फुहार,
हर मोड़ पर थामा हाथ, जब टूटी थी पतवार।
संस्कारों की छाया में, हम बढ़े आगे यूँ,
जैसे नदिया बहती जाए, गंगा-जैसी शीतल धारा दूँ।
गुरु है तो राहें हैं, गुरु से जीवन महान,
वरना ये दुनिया लगे, जैसे बिन सूरज के बिहान।
गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर,
सभी गुरुओं को शत्-शत् प्रणाम। 🙏🌼
-
प्यार कोई मंज़िल नहीं, ये तो एक सफर है,
हर मोड़ पर इम्तहान, हर लम्हा एक असर है।
जिसने निभाया खामोशी में भी साथ,
समझो वही सबसे बड़ा हुनर है।-
टूट कर भी जो रिश्ता ना टूटे,
वही मोहब्बत की असली पहचान है।
हर मोड़ पर साथ चले जो,
वो ही तो सच्चा इंसान है।-
जिसे चाहो उसे रूह से चाहो,
जिसे पाओ उसे वक्त से निभाओ।
प्यार अगर हो जाए सच्चा,
तो हर दर्द में भी सुकून पाओ।-
प्यार वो नहीं जो लबों से इज़हार हो,
प्यार तो वो है जो हर साँस में बेकरार हो।
जिसे देखकर दिल मुस्कुराए बेवजह,
और उसकी खुशियों में ही अपना संसार हो।-
तेरे बिना अधूरी सी लगती है हर बात,
तेरे साथ से ही तो है मेरी हर सौगात।
नज़रों में बसाया है तुझको इस कदर,
कि तेरे बिना न आए अब कोई और नज़र।
-
चाँद भी शरमा जाए, तेरे हुस्न के सामने,
तेरा नाम लूं तो दिल धड़कता है धीरे-धीरे।
इश्क़ तुझसे यूँ हुआ कि अब खुद से भी दूरी है,
हर सांस में तू है, अब बस तू ही जरूरी है।-
तेरी आँखों की जो बात है,
वो लफ़्ज़ों में कहाँ आती है,
हर बार तुझे देखूं , तो रूह मुस्कुराती है।
तेरे बिना अधूरी है ये ज़िन्दगी की कहानी,
तू जो पास हो, तो हर शाम लगे सुहानी।-