ये मुमकिन तो नहीं अब, तुझसे कभी बात होगी...
यूँ ही चलते-चलते, किसी राह पर मुलाकात होगी
फिर भी कभी याद आ जाये, तो बात कर लेना
मेरे दिल में अभी भी कुछ बाकी है, मेरा ये एहसास भी पढ़ लेना
मिलने भी तुझसे आ जाएगे, फिर चाहे दिन हो या रात होगी
ये मुमकिन तो नहीं अब, तुझसे कभी बात होगी...
चंद लम्हें हैं जो, मैनें रखें है सम्भाल कर
एक तेरी आँखों का मेरी आँखों से मिलना
दूसरा तेरी हँसी का मेरी तरफ देखकर खिलना
शायद तेरे पास भी मेरी ये याद होगी
ये मुमकिन तो नहीं अब, तुझसे कभी बात होगी।।।
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