Sujit Chourasiya   (sujit)
1.1k Followers · 7 Following

read more
Joined 18 August 2020


read more
Joined 18 August 2020
24 AUG 2020 AT 14:19

प्रेम क्या है?
बनारसी साड़ी में लिपटी तुम

प्रेम क्या है?
अस्सी घाट पर खामोशी से मेरी बातें सुनती तुम

प्रेम क्या है?
दशाश्वमेध घाट पर मेरा हाथ थामे आरती देखती तुम

प्रेम क्या है?
मेरे साथ मीठा पान खाती तुम

प्रेम क्या है?
मेरे साथ चाय के बाद फिर चाय की फरमाइश करती तुम

-


27 OCT 2021 AT 19:21

सुना है तुम गणित में
बहुत तेज हो------------
आओ ना जरा !
मेरे इंतजार का हिसाब कर दो...

-


13 MAR 2021 AT 9:15

मेरा लिखना,तेरा पढना,
उफ्फ! कितना पढ़ा लिखा इश्क़ है अपना..!!

-


4 FEB 2021 AT 20:04

यह सोच कर कि शायद वह खिड़की से झांक ले..
उसके गली के बच्चों को लड़ा आया हूं मैं..🙂

-


30 JAN 2021 AT 18:19

Bs science wale student ko bol diya ki science to asan hai

-


20 JAN 2021 AT 19:47

इग्यारहवी का क्लास था मास्टर जी भौतिक विज्ञान पढा रहे रहे थे इस विषय में मन नहीं लग रहा था तभी एक कर्णप्रिय आवाज आई एक्सक्यूज मी सर जिसने मेरा ध्यान अपनी ओर खींच लिया फिर पता नही कब मुझ जैसा आवेशित कण उनके चुम्बकीय क्षेत्र में फँसकर चूड़ी अंतराल की तरह चक्कर काटने लगा ।
फिर मैं उनके पीछे बैठने लगा ताकि उनकी कॉपियों में झांककर देख सकू कि कही मेरा नाम तो नही लिख और मिटा रही है ना.. हालांकि क्लास तो भौतिक विज्ञान का था लेकिन उनकी हँसी ने प्रेम कि रसायनिक अभिक्रिया में उत्प्रेरक का काम कर दिया इस प्रेमाभिक्रिया की दर बढ़ गई और बस बढ़ती गई!
एक दिन उन्होंने कहा की I don't know how to say this to you, but can you feel, I am sitting here, watching the moon in the sky and there you are, so far from me and yet watching the same moon. We share the same sky and the same moon." उस समय समझ नही आया था लेकिन सुनकर हम खुश थे।

-


16 JAN 2021 AT 14:47

प्रेम तो उनसे तभी हो गया था जब टीचर के पूछने पर कार्नर सीट से पाई की वैल्यू 3.142 होती है कि आवाज आई थी हम अभी तक यही समझते थे कि पाई की वैल्यू बाइस बटे सात होती है लेकिन उसने बताया की उसका एक सिंपल फॉर्म ये भी होता है बात तो सही थी बाइस बटे सात को सॉल्व करने पर यही आ रहा था.!
पढ़ाई में तो हममे थोड़ी बहुत समानतायें थी पर वो भी नाम मात्र क्योंकि मैं 'मान' बताता था वो "वैल्यू'' निकालती थी, मैं 'घात' लगाता था वो "पावर" चढ़ाती थी, वो 'पेरपेंडिकुलर अपॉन बेस' पढ़ती थी मैं "लंब बटे आधार", वो 'रेशियो और परपोशन' पढ़ती थी मैं "अनुपात और समानुपात" !
उसने कोशिश तो बहुत की मुझे समझाने की पर क्या करें गणित अपने भेजे में घुसी ही नही आज जब त्रिकोणमिति की किताब हाथ लगती है तो उस क्लास रूम की याद आ जाती है खैर पाई की वैल्यू तो जान गया हूँ, लाइफ की वैल्यू क्या है इसे समझने का प्रयास कर रहा हू...!!

-


5 JAN 2021 AT 18:46

तुझे देखूं मैं करीब से,
उफ़्फ़, ये मेरे शौक अजीब से.....!!

-


28 DEC 2020 AT 18:10

To apne GF Ka number dekar dikhao 😄

-


27 DEC 2020 AT 19:08

बेशक तुम्हें बेशुमार इश्क़ करते हैं पर,

अपने आत्म सम्मान से बढ़कर नहीं

-


Fetching Sujit Chourasiya Quotes