लोग कहते थे कि चौराहों पर
कमाई के लिये खड़ी होती है
# पुलिस
सारे चौराहे वीरान पड़े हैं और
पुलिस आज भी वहीं खड़ी है
#सोच बदलो
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आज भारतीय संस्कृति के अनुसार नया साल है,आज हिंदुस्तान कि एकता का दिन है, जहा सभने हमें ब्राह्मण, क्षेत्रीय, शूद्र और वैश्य में बाँटा वहा हमारे पूर्बज ने हम सबके एकता का नीब रखा :-
बंगाल में = पैला बैशाख। असम में = बोहाग बिहू। मणिपुर में = चैराओबा। उड़ीसा में = संक्रांति। पंजाब में = बैसाखी। कश्मीर में = नवरेह। नॉर्थ में = नवरात्रि, जुड़ सीतल, बीखोटी, चेती चंद, सरहुल। सॉउथ में = गुड़ी पावड़ा, उगाड़ी, पुथांडु, विशु।
Toh with this I wish all of you to stay united and together in tough times... Connect with your traditional roots and cultures of Hindustan Sanatan Sanskriti
and lets make Bharat that is Hindustan
the best nation in the world...
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होली का पहला रंग
हमारे जवानों के नाम।
फौजी अपनी हर खुशी
मुस्कुराते हुए कर देते हैं
वतन के नाम ।।
हमारा हर त्यौहार
हम खुशी से मना पाते हैं
इसका पहला श्रेय जाता है
फौजियों के नाम।।
हर फौजी हर पल सलामत रहे
यही प्रार्थना करते हैं हम।।
हमारे शहीदों और फौजियों
को सलाम करते हैं हम।।-
यूँ ही नही मिलती राही को मंजिल,
एक जूनून सा दिल में जगाना होता है,
पूछा चिड़िया से कैसे बना आशियाना
बोली तिनका-तिनका उठाना पड़ता है.-
लिखता हूँ कुछ पैगाम
मैं अपने देश के नाम
कर जाऊं कुछ ऐसा
कि गर्व की हो हर शाम ! ❤️
जय हिन्द
वन्दे मातरम 🇮🇳️🇮🇳️⚔️⚔️🔫🔫-
सुनो के हम तो सीमा के प्रहरी हैं
क्या हुआ जो रात इतनी गहरी है
तुम मीठी नींद देश के वासियों
सो लो हम खड़े तुम्हारे पहरी हैं
भागती है दुनिया तुम्हारी संग में
छुट्टियों पे हमारी ज़िंदगी ठहरी है
तुम सियासत की कठपुतलियाँ हो
इस मामले हमारी दुनिया बहरी है
तमगा मिरे सीने पर लाऊँगा जब
सोचो वो सुब्ह कितनी सुनहरी है
शहादत का ये नाम हमारा गौरव है
तुम सिहरोगे बात ज़रा सी क़हरी है
क्या समझोगे तुम मोल मिट्टी का
कि फितरत तो तुम्हारी शहरी है
तीर लगेंगे गोली चलेगी सुन के ये
हाँ क्या करूँ? बात ही ये ज़हरी है
सुनो के हम तो सीमा के प्रहरी हैं
क्या हुआ जो रात इतनी गहरी है-
அடுத்த நொடி இன்னதென்று அறியாது
ஆற்றும் கடமையை உயிராய் நினைத்து
இதயத்தை இரும்பாய் மாற்றி
ஈரத்தை மனதிற்குள் மறைத்து
உண்ண நேரமின்றி உடல்நலம் பேணாது
ஊக்கப்படுத்த ஒருவரும் அருகிலில்லாது
எதிர் பார்ப்புகளை துறந்து
ஏக்கங்களை எல்லாம் எரித்து
ஐம்பூதங்களின் இயற்கை சீற்றத்தையும் அனுசரித்து
ஒருநிலை மனதோடு
ஓடும் நொடியெல்லாம்
ஔபரிதிகமில்லா தியாகம் செய்திடும்
எஃகு ஏந்தா எல்லைசாமி🖤
நாட்டுக்காக வீட்டைத் துறந்த தியாகிகள்
🙏🙏🇮🇳🇮🇳🙏🙏-
दिन-रात खड़ी निडर सीमा पर,
अब राग प्रलय का तानी हैI
है अडिग-अटल अपने लक्ष्य पर,
सीमा पर सीमा भवानी है।
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कल रात से बस एक ही सवाल मन ही मन गूँजता रहा,
सियासत पे था शर्मिंदा,वीरों के शौर्य को मैं चूमता रहा।
आंखे रात भर पुलवामा के मंजर को ही याद करती रही,
जैसे माँ शहीद की सियासत के आगे फरियाद करती रही।
वो कह रही थी कफन बेच देना तुम हमारे बेटों की मगर,
तुम नेताजी सियासत के खातिर ये वतन कभी न बेचना।
तुम आतंकियो को जी बोलो फिर भी न तुमसे शिकायत है,
बस हमसे हमारे बेटों की शहादत का सबूत न हमसे मांगना।
हमे न चाहिए बदले में बेटे के सहादत का मोल कुछ भी,
बस एक फरियाद है सैनिकों को गुंडा तुम कभी न बोलना।।
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जिना तारा टूट गया हैं, उसका रब तो रूठ गया है!
अब रूठे नू कौन मनोणा, वो तो पाछ न ओणा! !
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