"ह" से हिन्दू "म" से बन जाता मुसलमान है,
"हम"ही इसकी सुंदरता"हम"ही हिंदुस्तान है।
और"हम"में भी जाने किस बात का गुमान है,
"हम"ही करते है तू हिन्दू "हम" मुसलमान है।।
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जानते नही है हम।
अंदाज़ है लोगो को खुश देखकर
जीने का ।
जवाना क्या कहेगा द... read more
एक उमर तलाश ली हमने एक घर तलाश लिया,
जिंदगी के सुखन के लिए हमसफर तलाश लिया,
माँ बाप अब भी कच्चे मकां में रहते है इस तरह,
मानो परिंदो ने सजर को हमगुजर तलाश लिया,-
उसकी शाख पर रहकर उसे गिरा देना ,
यहाँ सब जानते है झूठ बोलना-मुस्कुरा देना,-
" वर्दी "
हमारा तुम्हारा सबका साज है वर्दी,
हर पीड़ा हर गम का इलाज है वर्दी,
मरहम भी है सूरमा है वीर भी है वर्दी
विश्वास करो तो धैर्य है धीर भी है वर्दी,
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"फौजी"
उन्हें मेहबूब की बाहों में बाहें डालना है,
हम तो पागल है साहब...!
हमे शत्रु की निगाहों में निगाहें डालना है..।।-
🇮🇳
" शहीद रतनलाल जी अमर रहे "
हम नफरतों की आंधियो के परों को तोड़ देंगे,
अहमियत राष्ट्र की बताएंगे सबको झंझोड़ देंगे,
यदि रक्त सुमन मांगती है धरती तो हिचकेंगे नही,
हम खुद को तोड़ करके भी राष्ट्र को जोड़ देंगे,
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फिर लूट रही है अस्मत माँ की,
कोई नया इजाद कर दो,
आओ फिर आजाद एक बार,
या यहीं किसी को आजाद कर दो,-
"सैनिक"
ख्वाब बिखरे भी तो समेट लाते है,
वो मिट्टी का कर्ज ऐसे भी चुकाते है,
दिया उनका भला रोशनी का क्यूँ मोहताज हो,
जो खुद अंधेरों में रहकर देश को रोशनी दिखाते है!!
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फूलों की मुरझुराहट का हिसाब कौन रखेगा,
मुहब्बत में मुहब्बत तक गुलाब कौन रखेगा,
ये पहेली है,दिखावा है,सब लुभाने के तरीके है,
बताओ भला रोशनी में आफताब कौन रखेगा,
नजर में सबके शजर है पर फिक्र किसको है,
शजर न रहा तो बच्चे फिर किताब कौन रखेगा,
रोज अंजाम यहां इल्जाम पर इल्जाम होता है,
अगर ऐसे ही रहा तो इश्क़ का ख्वाब कौन रखेगा,
फूलों की मुरझुराहट का हिसाब कौन रखेगा,
मुहब्बत में मुहब्बत तक गुलाब कौन रखेगा,-