कभी हसती हैं, कभी हसाती हैं।
पागल है क्या तू, बार-बार चिल्लाती हैं।
हरकतें भी खुद करे, रूठ भी खुद जाती हैं।
जरा सा कुछ कह दो, 70 मुंह बनाती हैं।
फिर भी मैं चाहे कैसा भी क्यों न दिखूँ, हमेशा हीरो ही बताती हैं।
मुसीबत कैसी भी हो, मुझे पीछे कर खुद सामने आ जाती हैं।
थोड़ी अक्कडू हैं, कभी सामने से नहीं जताती हैं।
हां! मेरी बुद्धू बहने, मेरे लिए किसी भी हद से गुजर जाती हैं।
-