प्यार होता नहीं,हो जाता है,
दर्द तो फिर उसके बाद आता है,
पहले जो बातें अच्छी लगती थी,
बाद में वो ही ज़हर में बदल जाता है,
जो करते न थे कभी शक रिश्तों पे,
अब उनकी आँखों का भी लहज़ा बदल जाता है,
रोज रोज होती थी जो प्यारी बातें,
वो धीरे से झगडे पे उतर आता है,
कभी खायी थी कसमें न रहेंगे तेरे बिन,
वो चुपके से कटघरे में खड़ा नज़र आता है,
जो जुड़ा था बंधन कसमो से,
फिर क्यों यूँ मोतियों सा बिख़र जाता है......!!!
....🌷रीना श्री🌷....
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