शहीद भगत सिंह 🙏🙏
लिख रहा हूं मै अंजाम जिसका कल आगाज आएगा मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा,
जलियांवाला बाग़ हत्याकांड जनरल डायर का एक धोखा था,
लाखो लोगो पर गोली चलवा दिया ऐसा वो दुष्ट बोका था,
उस समय मैं बस 13 साल का बालक था,
मगर अपने लोगो की ऐसी हत्या देख खून मेरा खोला था,
तब इंकलाब ज़िंदाबाद का नारा मैने बोला था,
आजादी के उस आंदोलन में अंगेजो के लिए मै एक शोला था,
लाला लागपत राय की शहाजत का बदला ले मै वहीं भगत सिंह भोला था,
मैंने ही तो अंगेजो से भरी असेंबली में बॉम्ब फोड़ा था,
भागने की वजह वहीं पर खड़ा हो कर सुखदेव के संग इंकलाब ज़िंदाबाद बोला था,
सजा सुनाई गई थी फासी की जेल में हमें रखा था,
खाना अच्छा न होने की वजह से भूख हड़ताल रखा था,
63 दिन की भूख हड़ताल देख अंग्रेजी सत्ता डोला था,
लाखो कोशिश करने पर इंकलाब ज़िंदाबाद बोलना नहीं छोड़ा था,
इतना कुछ देख कर अंगेजी हुकूमत को भी डरना था,
फांसी की सजा एक दिन पहले ही डरके देना था,
[🙏🙏राजगुरु, सुखदेव और भगतसिंह 🙏🙏]
उस समय भी उनको अपनी ताकत का नमूना दिखाना था,
इंकलाब ज़िंदाबाद बोलते हुए फांसी को हमने चूमा था,
आजादी की चाह कितनी थी ये अब उनको बस बतलाना था,
हंसते हंसते फांसी पर हमने डुला था,
ऐसा बलिदान देख कर पूरे देश का सीना चौड़ा था,
हमने तो सुरूआत करी थी बाद में पूरे हिंदुस्तान ने इंकलाब ज़िंदाबाद बोला था,
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