किस्से उसके बेवफाई का तूने जमाने को बता रखा है,
कभी रुबरु हो उससे तो पूछना की तेरी यादों का कितना गम अपने दिल मे छुपा रखा है।-
फुरकत भी तेरी मुझे प्यार करती है
मोहब्बत के बीते दिन बेकरार करती है
साथ तेरे जो लम्हे गुजारे
निगाहें मेरी उनको तलाश बार बार करती है
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"" Usey apna maanna_yehi bhul thi meri..,,
Per karti bhi toh Kya..?
Bahot Qareeb aakar usne kaha...
"Tumhara nhi hoon "main.-
रूह भी उसकी लर्जिस थी
मर्ग से पहले तेरी बाहों में सिमटने को...
एक तेरे ही बेवफाई के अंदाज अलग थे
जो देरी हुई उसे मोहब्बत में समझने को...-
मजबूत कलम से कमज़ोर रिश्ते लिखने पड़े।
खुशियां तेरे हक़ में गम अपने हिस्से लिखने पड़े।
वो डायरी जो तूने तोहफे में दी थी मुझको,
उसमे तेरी ही बेवफाई के किस्से लिखने पड़े।-
हमें मोहब्बत का कुछ ऐसा फलसफा मिला
कभी हम रहे नाराज़ तो कभी वो खफा मिला
जाने कैसे मिल जाती है बेपनाह मोहब्बत
हमें तो यार ही कम्बख़्त बेवफा मिला
था इश्क़ या की सौदा हम समझ ना पाये
रही हिज्र में कमी मगर वस्ल में नफ़ा मिला
बेइंतहा मोहब्बत की आस लिये बैठे थे जिनसे
वो फरेबी झूठ के नकाब में ही हर दफ़ा मिला
सोहबत को उसकी कुर्बान कर दी दुनिया
हासिल हुई ना खुशियाँ "मन" को जफ़ा मिला-
इश्क़ में शिर्क और
बेवफ़ाई की माफ़ी नही होती।
नियत हो जब खोखली,
दुआओं में जान नही होती।
ये किस्सा है रूह से रूह को छू जाने का
मोहब्बत आ जाए जब अपने चरम पर,
तो जिस्मों से परहेज नही होता।-
Raat की काली स्याही
मेरे आंखों में उतर आई Hai...
Kuch टूटे हुए ख़्वाबों है
और कुछ मेरी तन्हाई Hai...
और यह Joh आंखों से बह रहे हैं
इन्हें आंसू Na समझना...
यह कुछ मेरी मोहब्बत Hai
और Kuch उनकी बेवफ़ाई है...-
Humse dur jana hoga toh
batakar jana...!!!
Khamoshi se jaane waalo
ka mein intazaar karte
reh jaati hu...!!!
Humse nafrat hai toh
bata dena...!!!
Khwahisho mein me
khoi rehti hu...!!!-