नव रात्रि के नौ दिन और नौ प्रश्न
आठवाँ दिन : महागौरी माता
प्रश्न क्रमांक : 8
हर इन्सान को अपने जीवन का चालक (Driver) खुद होने का अधिकार है । उसे अपना कर्म पथ चुनने का अधिकार है अब चाहे वह गलत हो या सही ।हम (उसके अविभावक व गुरूजन) उसे सही गलत का ज्ञान दे सकते है, जिसे हम sefty rules भी कह सकते है । यह rules सभी के लिए समान होने चाहिए।
ओहदे के साथ कुछ जिम्मेदारी भी आती है । आपका जीवन आपका है और उस जीवन से जुड़े लोगो का भी । सड़क पर टक्कर न केवल आपके गलत निर्णय के कारण होती है बल्कि इसका कारण कोई अन्य चालक भी हो सकता है ।
कर्म करने का अधिकार तो हमें है पर कर्म फल देने का नहीं, क्योकि यह authority का प्रश्न है ।
इस बात का हम सभी को ध्यान रखना चाहिए कि बबूल का पेड़ उगाने से हमें कभी भी आम का फल प्राप्त नहीं हो सकता । मैं स्वयं के जीवन की चालक हूँ। इसलिए यह प्रश्न मुझसे जुड़ा है।
मेरा प्रश्न यह है कि मेरे बारे में आपके क्या विचार है?
गत तीन महीनो से आप सभी ने मेरी शायरी, मेरे विचार, मेरा मत जाना है, और मुझे आप सभी का प्यार भी मिला इसकी मैं तहे दिल से आभारी हूँ ।
आप मेरे बारे में क्या सोचते है? बताएँ..........
आलोचना, प्रशंसा, सलाह, अनुरोध सभी सादर आमंत्रित है.......-
तो फिर चलो जिंदगी गाडी और खुद को ड्राइवर कहलवाते है,
कर्म नामक इंधन, और भक्ती की सर्विसींग हम सब कराते है।
जिंदगी की गाडी कर्म, प्रेम,करूणा,ध्येय नामक पहियो से चलती है,
न होता है आने वाले पड़ाव का पता, ये बस उम्मीद नामक पडाव से जा मिलती है।
हम ही यात्री, हम ही ड्राइवर, हम ही पड़ाव यहा होते है,
जीवन की यात्रा में हम वोही पडाव पर जाते है, जो हम स्वइच्छा से बोतें है।
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जिंदगी में
ड्राइवर का जितना किरदार होता है
उतना ही खलासी का भी किरदार होता है
जिस प्रकार ड्राइवर गाड़ी चलाता है
उसी प्रकार खलासी सही राह दिखाता है
इन दोनों का किरदार है बहुत खास
नहीं करना इसे जिंदगी से बर्खास्त
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यह भी बड़ी ज़िम्मेदारी हमारे जीवन की गाड़ी ईश्वर रूपी ड्राईवर के हाथों में है जो हमें बखूबी पार लगायेगा|
घर रूपी गाड़ी में जैसा कि कहा जाता है कि पति-पत्नि गाड़ी के दो पहिये होते हैं सो इस गाड़ी को जो ड्राईव करता है घर का मुखिया होता है और उसके कंधों पर पूरे परिवार की ज़िम्मेदारी होती है |
इस सबके बाद मैं उन सभी से एक बात कहूँगी जो सड़क पर वाहन चलाते हैं कि वो हमेशा अपना और दूसरों का ख़याल रखते हुये वाहन चलायें |🙏
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जिंदगी की गाड़ी हो या सड़क पर दौड़ती हुई एक काबिल ड्राइवर सिर्फ वो बन सकता है जो खुद की जिम्मेदारी के साथ - साथ दूसरों की जिंदगियों की कीमत समझता हो।
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I murder a rhyme one word at a time........
All schemes are well set, for a crime........
Am I a chilling or dusty flawless dawn......
Or monster with uglyness gone to bone....
Will you hang me for scrutinizing word.....
Or a favour be there, for Innocent bird.......
A verdict with an acquittal or dingy cage....
Destiny- Destiny who knows this phrase.....
Wow! Imposed a section under alliteration..
Again behind bar ,for beholding sensation...
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आसान नहीं इस जीवन की गाड़ी का,
बहुत कम लोग अपने हिसाब से चलते हैं,
ज्यादातर भटक जाते हैं मन के बहकावे में ।।-
दिमाग मेरा ड्राइवर
शरीर मेरा गाडी़
सांसों के ईंधन से चलती है
मृत्युलोक में अपनी फरारी-
हम सब अपने-अपने जिंदगी के Driver हैं।
चलती सबकी गाड़ी किसी की रफ्तार से किसी की धीरे।
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