नजरअंदाज कर वो चल दिए,
और छोड़ गए महफूज़ सबको,
बरना घायल होते न जाने कितने
'हिमांशु'।।
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अक्षर नहीं एहसास लिखना चाहता हूं
ऐ मेरे हमसफ़र तुम्हारे लिए जज्बात लिखना चाहता हूं||
जन्मदिन के नए पन्ने से ,
अगले कदम की शुरुआत रखना ।
अपने अरमानों को हासिल करने का,
प्रयास करना ।
घर बाहर की चिंता मुझ पर छोड़ देना,
तुम्हें जो प्रफुल्लित परिपूर्ण करें,
ऐसी ख्वाहिश और शौक रखना।
धन दौलत ऐशो- आराम यह सब मिल जाएंगे ,
तुम बस अपने मन को सुदृढ़ ,
और तन को सेहत - मान रखना
भविष्य की चिंता उस रब पर छोड़ देना ,
तुम अपने सिमरन एवं वर्तमान पर ,
ध्यान रखना ।
इस शुभ अवसर पर हम क्या मांगें तुमसे,
तुम बस इस नाचीज़ को अपने दिल के पास रखना।।-
काफी अरसा हुआ
कुछ अच्छा लिखकर
कमबख्त likes dislikes
और follow से तो फुर्सत मिले। ।-
अनकहै शब्द ,
दिल की सतह पर
चिपकी मैल हो जैसे।
जो धुलते हैं सिर्फ
प्यार के साबुन से। ।
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Today completed
3 years Association with
Your Quote which helped me in becoming an Author of a book.
THANKS A TON-
Making a movie
With a theme which has a
Beginning
Intervals
and
The End
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