अक्षर नहीं एहसास लिखना चाहता हूं
ऐ मेरे हमसफ़र तुम्हारे लिए जज्बात लिखना चाहता हूं||
जन्मदिन के नए पन्ने से ,
अगले कदम की शुरुआत रखना ।
अपने अरमानों को हासिल करने का,
प्रयास करना ।
घर बाहर की चिंता मुझ पर छोड़ देना,
तुम्हें जो प्रफुल्लित परिपूर्ण करें,
ऐसी ख्वाहिश और शौक रखना।
धन दौलत ऐशो- आराम यह सब मिल जाएंगे ,
तुम बस अपने मन को सुदृढ़ ,
और तन को सेहत - मान रखना
भविष्य की चिंता उस रब पर छोड़ देना ,
तुम अपने सिमरन एवं वर्तमान पर ,
ध्यान रखना ।
इस शुभ अवसर पर हम क्या मांगें तुमसे,
तुम बस इस नाचीज़ को अपने दिल के पास रखना।।
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