मोहब्बत लिखूं तो नामी शोहरत
ग़र सच लिखूं तो मैं बेगैरत-
झूठ था सब ग़र तो झूठ ही सही
मर्ज़ की दवा न थी
तो दर्द ही सही
मेरा ही था चलो मेरा ही सही
सपना टूटा है अग़र
तो टूटा ही सही
क़ुर्बत में मेरी अब मुस्कुराना न कभी
नज़दीकियां न मिली
फासले ही सही
चालाकियां समझने में भूल हुई मुझसे
चलो ये आदत मेरी
कमजोरी ही सही-
❤Mohabbat toh bahot khubsurat h
bs jisse mohabbat krte h
whi be-gairat niklta h💔-
मेरे दरवाज़े की नक्काशी पर यूँ उंगली उठाने वाले
हो सके तो अपनी उखड़ी चौखट की कील ठोंक ले-
Mohabbat to itni begairiyat ho gyi hai
Jaha comment box dekha,
Wahi chat sessions suru ho jati hai.
Astagfirullah 😁😁😝😝💣💣💥💥
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ये कमबख्त मोहब्बत भी कितनी बेगैरत होती है,
दिल में उसे बसाती है जिनकी कभी क़िस्मत में जगह नहीं होती है,-
❣️वो बोलकर हमे कुछ भी...
बेगैरत की तरह,
फिर भूल जाते है,
अपने ही अल्फ़ाज़ों को,
जनाब,,
ये दिखावा है आपका, भूल जाने का,
आपको ऐसी कोई, बीमारी नहीं....❣️-
तेरे इस बेहया बेगैरत से इश्क़ में,
अश्क नहीं आंखों से खून बहा चुका हूं मैं
दो फ़ूल ले ही आना "नरेंद्र" कब्र पे चढ़ाने को
अपने हाथों अपनी मय्यत सजा चुका हूं मैं-
खुद की शख्सियत को जो,
आयने में भी पहचानते नहीं है....
ऐसे बेगैरत लोग, दूसरों के
चाल-चलन पर खूब सवाल करते है।।✍️-