वो मीठी मुरली की धुन सुनते राधा व्याकुल हो जाती हैं।
वह मोहक चेहरा, मोहित करती मुस्कान होंठो पर आती हैं।।
नयनों को बंद किए राधा उस धुन मे कुछ यूं खो जाती हैं।
बनकर "बबीता" उस कान्हा की ओर खींची चली जाती हैं।।
वो जाती है, घबराती है जब गोपियों को वहां वो पाती हैं।
वो संग कान्हा के बैठ कुछ वक़्त अकेला चाहती हैं।।
गर छू ले कान्हा को कोई, तो मन ही मन जल जाती हैं।
वह प्रेम उन्हीं से करती है पर बोल कभी ना पाती हैं।।
पर मीठी मुरली की धुन सुनते ही वो व्याकुल हो जाती हैं।।-
बंसी की मधुर धुन से झूम उठा है सारा गोकुलधाम
चढी लाली कपोलो पर, जज्बातों का कर सौलह श्रंगार
निकली घर से गोपियां सारी,., खोजत हर गली, हर
मोहल्ला,, पर कही ना मिले उनके श्याम
जो खोजा जियरा आपणा तो वही बसे मिले उनके श्याम-
में बंसी के जैसे कानों में गूँजती हूँ..!
ओर दिल की धड़कन में रहती हूं..!
मेरे नाम का अंदाजा मत लगाओ..!
क्योंकि, हम नज़र ओर अंदाज अलग रखते है..!-
"प्रेम राग"
बना के बंसी होठों से,,
लगा लो मुझको...।
छेड़ दो हमारे मिलन,,
की अनूठी सरगम...।
संग गुनगुनाऊँ मैं,,
गीत कोई ऐसा...।
एक-एक शब्द में,,
झूमे मधुर मिलन...।
एकांत उर में करो जागृत,,
अहसास नूपुर की झन-झन...।
एक-एक लय में,,
खनके प्रीत कंगन...।
झूमे तुम्हारे होठों से,,
स्पर्शित मुरली धुन...।
मोतियों-से बिखरे मेरे,,
सितार के सुर संग...।
कान्हा स्वीय उर की,,
ध्वनि बना लो मुझको...।
बन जाऊँ मैं मुरलीधर,,
की मीरा प्रेम में मग्न...।— % &-
तेरी उल्फत में जानेमन दिल का हुआ बुरा हाल,
जाने क्या तेरी चाहतों ने कर दिया है क्या कमाल,
बस अब तुम ही हो सारे मेरे सवालों का जवाब।।-
Ugli pakdke chalna sikhaya
godi uthalona maa,
Achalse mera mupochdona
Melasa lage jaha ,
Akh dikhaye Muje jab jindgi
Yaad muje atihee tere gusseki
Data bhito tune muje phuloki tarah
Kunathi ma sari duniya teri tarah-
Ye promise hai hamara
Na chodege kadhi sath tumhara
Jo Gaye yum hame bhool kar
Le ayenge pakad kar haath tumhara-
अच्छा सुनो! कान्हा...
मुझे राधा न सही
मीरा बनाओगे क्या?
जब-जब तुम्हें पुकारूंगी
चले आओगे क्या?-
लाली मोरे लाल की
जित देखूं उत लाल
लाली देखन में गई
मैं भी हो गई लाल.....
ऐसी छवि मोरे कृष्ण की
छेड़े मन के तार
चरण में गई कृष्ण के
जग भी भयो नंदलाल.....
बंसी बजी मोरे लाल की
ह्रदय मचत भूचाल
मोह माया सब भूल के
नश्वर हुओ संसार....
मन मेरो राधा भयो
भोगे विरह दिन रात
प्रभु मिलन की आस में
बीते मोरे दिन रात......-
नज़र पथरा गई तेरे इंतज़ार में,
कोई नही आता मेरी मज़ार पे,
तू आए तो हो जाए रोशन जहाँ,
मुंतज़िर है दिल-ए-बेक़रार के।।-