QUOTES ON #BACHPAN_DIARIES

#bachpan_diaries quotes

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3 JUL 2021 AT 14:48

कुछ खट्टी, कुछ मीठी सी बातें
वो बचपन की लहराती यादें
दोस्तों के साथ बीते
हर पल याद आते
नुक्कड़ के झगड़े
अब चेहरे पर मुस्कान लाते
नटखट बचपन के ख़्वाब भी
अब नटखट नज़र आते
बचपन के वो शरारती लम्हें
आज बचपन की बहुत याद दिलाते।

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कौन कहता है कि बचपन वापस नहीं आता
दो घडी़ अपने
❤️माता-पिता❤️
के पास तो बैठ कर देखो
बच्चा ना महसूस करों
तो फिर कहना

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4 JUN 2020 AT 11:58

कहां से लाऊं, मैं अपने बचपन की बीती यादें
देखो तितलियों का पकड़ना
कूद-फांद के आगे बढ़ना
यही काम था बचपन में हमारा
कहीं पर गिरना तो कहीं पर उठना
और चोट का एहसास ना होना
मां के हाथों से पिटना
तो पापा के हाथों में लिपटना
कैसा था यह खुशाली का बचपन
जिसे भूल ना सका अब तक मेरा मन
ना था सुबह उठने का कोई गम
और ना ही था पढ़ने का डर
खेल में हो जाते थे हम इतना मगन
पता ही नहीं चलता था कब हुई सुबह
और कब निकला शाम का वक्त

(Part-1)

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4 JUN 2020 AT 12:16

बरसात के मौसम का आना
था दिलों में खुशियों का लाना
पड़ जाते थे झूले पेड़ों पर
फिर झूलों का झूलना और
ऊंचाई तक ले जाना
जैसे किसी मंजिल को पाना
इन्हीं खेलों को अपनी जिंदगी समझना
यही था बचपन का सपना
भमिरियों के पीछे भागना
उनकी दुमों पर धागा बांधना और उसे उड़ाना
बस यही था काम हमारा
बस यही था बचपन निराला
खो गए वो मेरे बचपन के दिन
खो गई मेरी बचपन की यादें
जिन दिनों में करते थे हम अटपटी बातें
(Part-3)

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4 JUN 2020 AT 12:07

कागज की नाव पानी में बहाना
उसे देखकर खिल-खिलाहट मचाना
चलती उस नाव के पीछे भागना
और उसे डूबने से बचाना
यही था काम हमारा....
बस यही था काम हमारा
दादी से कहानी सुनना
सुनते ही उनकी गोद में सो जाना
और सपनों में परियों की दुनिया में खो जाना
यही था मेरा बचपन सुहाना
(Part-2)

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14 NOV 2019 AT 14:24

मेरे रोने का जिसमें किस्सा था ....
वो मेरी ज़िन्दगी का अनमोल हिस्सा था|

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28 JUL 2021 AT 11:19

जब से मैं तेरे साथ आई
नहीं लिख पाई एक भी कविता
बहुत सोची लिखने को पर
तेरा प्यार ने मुझे बंदी बना लिया था
तेरे साथ रहना तुझे महसूस करना
इन सब को मैंने खुद में समेट लिया
आखिरकर तेरे प्यार के बंधन भी ढीला पड़ने लगा
और मैं सब के आंखों से बच कर
एक बार फिर दर्पण के सामने खड़ी हुई
कलम डायरी निकालकर कविता लिखने लगी
एक बार फिर से तुम मेरे ज़हन में रहोगे
मेरे कविता में तू मेरे साथ रहोगे
तेरे साथ बिताए लम्हों को फिर से मैं
एक सुर और लय से सजाउंगी
फिर से तेरे प्यार के बंधन ढीला नहीं हो पाएगा
अब ना कभी तेरे बिछड़ने का गम मुझे सताएगा
वैसे तेरे साथ रहकर मेरा कविता नहीं लिख पाना ही
थी मेरे लिए सबसे सुंदर महाँतम प्रिय प्रेम कविता

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17 SEP 2020 AT 14:05

यूं तो ज़िन्दगी के कई लम्हों को
जिया है मैंने,
मगर सुकून जिसमें मिला वो
बचपन था।।

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4 SEP 2021 AT 19:07

हस दे फिसल कर ,
खो ना जाए ये.......
तारे जमीं पर ।❤️💫💫

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28 SEP 2020 AT 11:35

हम अच्छे थे या बुरे थे पर हम एक साथ थे, काश वो समय फिर लौट आए ।

#REMEMBERING_OUR_CHILDHOOD
Read my Captions...?

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