दर्द, गम, डर जो भी हैं बस तेरे अंदर हैं।
खुद के बनाए पिंजरे से निकलकर देख
तू भी एक आज़ाद पंछी है !!!-
उस आज़ाद पंछी की तरह
ख्वाहिश है मैं भी उड़ जाऊं
आसमान के इन रंगों से
चाहती हूं मैं भी जुड़ जाऊं-
सच्चा प्यार....
आज़ाद तो हमने कब से कर रखा है जनाब पर उस पंछी को हमारी ऐसी आदत सी हो गई है कि ना वह हमें भुला पा रहा और ना ही पास रह पा रहा।-
Jisam majbooriyo me jakda raha
Ehsas Azad the so bandishe Tod
Baithe..-
Paas na aane ki hajar wajh bta de
Pr na bhulne ki koi ek wajah hi kaafi h
Agr wo sath Khush h to welcome kriye
Nai to unki galtiyo ke liye bhi hmari taraf se maafi h-
नही करता कोई शिकवा अब मेरे पास वो आकर
कि खामोशियां उसकी मुझे अब सोने नही देती।
वो कहती है तुम पर मुझे विश्वास नही अशोक
तसल्ली भी उसकी मुझे अब रोने नही देती।
नही करता अब मुझ पर वो विश्वास जाने क्यों
कि बेरुखी उसकी मुझे अब सोने नही देती।
और चला गया वो तो यूंही तन्हा सा छोड़कर
कि तन्हाई उसकी मुझे अब रोने नही देती।
हूं नजर में उसकी बस गुनहगार सा ही अब मैं
ऐसी बात ये ऐसी मुझे अब सोने नही देती।
उसका दिल ये कहता है "अशोक" बेवफा निकला
इल्ज़ाम ये उसका मुझे अब रोने नही देता।
7/12/2021-