रिश्ते दोनों तरफ से निभाते है
तभी शिव पार्वती एक कहलाते है।।
रिश्ते तो दोनों के नेक थे
इसलिए शिव शक्ति एक थे।।-
घट घट के जो वासी हैं,अजर अमर अविनाशी हैं
कैलाश है जिनका धाम,शिव शम्भू है उनका नाम
तीनो लोकों के जो स्वामी,ब्रम्हा विष्णु उनके अनुगामी
रावण भी जिनका अनुयायी,शिव से ही सब शक्ति पाई
चढ़ायी दस शीशों की माला,रावण भी उनका मतवाला
डर के जिनसे भागे काल,भक्त कहते उनको महाकाल
हलाहल जो कंठ धरे,जग उनको नीलकंठ कहे
चारो धाम हैं जिनके धाम,अर्धनारीश्वर भी उनका नाम
रौद्र रूप धरे जब भोले,धरती से गगन तक डोले
शिव की भक्ति सदा सुख देती,भक्तों के संकट हर लेती
शिव जब रूप धरे विकराल,मच जाती है हाहाकार
शिव ने ही ब्रम्हांड रचाया,तीनों लोक है शिव की माया
शिव का भजता है जो नाम,हृदय में उसके चारो धाम
जिनके शीश चन्द्र विराजे, काल द्वेष उनसे डर भागे
भांग धतूरा के जो शौकीन, देव भी उनकी श्रद्धा में लीन
राम के भी जो आराध्य देव हैं,देवों के देव महादेव हैं।।
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We all wait for years &
births to meet a Stranger.
To surrender one's Body,
Soul, Heartbeats & all we Care.
To recreate the magic of
Goddess Parvati & Lord Shiva as
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शक्ति वियोग में अपने महादेव जब हुए वैरागी,तो
खुद को शक्ति भस्म से सम्पूर्ण विभूषित कर डाला।।
अंत से अनादी तक का वो सफ़र बहुत लम्बा चला
व शक्ति ने शंभू के लिए खुद को पार्वती कर डाला।।
अथक तप कीं गौरा और व्रत की सोलह सोमवारों का
और महलों की रानी ने स्वंय को कैलाशी कर डाला।।
प्रथम वियोग,इंतज़ार प्रथम व प्रथम तप की कहानी है
इस प्रथम प्रेम कहानी ने भक्तों को मोहित कर डाला।।
महाशिवरात्रि की सभी भक्तगणों को
हार्दिक बधाई 🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐💐
जय हो अर्धनारीश्वर 🙏🏻🔱🔱🌺🌺
हर हर महादेव 🙏🏻🔱🌺🌺🌺
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मैं रूखी बेज़ान - सी, मैं द्वारा निर्मित ईश्वर हूँ
ना स्त्री, ना पुरुष, मैं बेअस्तित्व अर्द्धनारीश्वर हूँ
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मैं त्याग, मैं मारी, मैं फेंकी अपमान हूँ,
मैं रोती, बिलखती, मैं जिंदा समान हूँ,
मेरा जन्म पाप, मेरी मृत्यु इतनी दुर्लभ
न इज्ज़त आँखों में, क्या मैं इतनी बेकार हूँ
जितने नाम गिरधर के नहीं उतने मेरे यहां
छक्का ,हिजड़ा क्या बस मैं इसी की हक़दार हूँ
है हम मांगते रुपये पेट भरने, जिंदा रहने को
नहीं ज़रिया दो रोटी की , मैं फँसी मझधार हूँ
माँ-बाप, भाई -बहन का प्यार ना जाना मैंने
बस हवस, शर्मिंदगी क्या मैं इतनी काटेदार हूँ
दिन में लज्जित हुआ हर रिश्ता मेरे होने से
आधी रात में जलाई जाने वाली मैं लाश हूँ
नसीब में बस दुत्कार मिली मुझे ए मेरे रब
क्या नहीं मैं तेरे बनावट का प्रमाण हूँ ?
_Neha Sharma ✍️
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"नारी के भीतर हैं पुरुष... हर पुरुष के भीतर हैं नारी,
संतुलन हैं ये शिवशक्ति का,हर नर-नारी पर ये भारी!"-