सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
7 मार्च 1911 से 4 अप्रैल 1987-
4 FEB 2020 AT 17:45
भोर बेला - नदी तट की घंटियों का नाद
चोट खा कर जग उठा सोया हुआ अवसाद
नहीं, मुझ को नहीं अपने दर्द का अभिमान---
मानता हूँ मैं पराजय है तुम्हारी याद
- अज्ञेय-
15 MAR 2020 AT 22:56
वेदना सबको दृष्टि देती है ....
जो वेदना में है वही दृष्टा हो सकता है।।-
14 AUG 2020 AT 8:56
मौन भी अभिव्यंजना है ,
जितना तुम्हारा सच है उतना ही कहो ।
- अज्ञेय-
5 APR 2020 AT 14:43
जो पुल बनाएंगे
वे अनिवार्यत:
पीछे रह जाएंगे
सेनाएँ हो जाएंगी पार
मारे जाएंगे रावण
जयी होंगे राम,
जो निर्माता रहे
इतिहास में
बन्दर कहलाएंगे
- अज्ञेय-
7 MAR 2023 AT 23:18
हिन्दी में प्रयोगवाद के तार सप्तक सुत्रधारक,
कवि सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'।-
7 MAR 2021 AT 21:20
जो पुल बनाएँगे
वे अनिवार्यतः
पीछे रह जाएँगें
मारे जाएँगें रावण
जयी होंगे राम,
जो निर्माता रहे
इतिहास में
बँदर कहलाएँगे ।
~सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
प्रयोगवाद के जनक कवि अज्ञेय की जयंती पर सादर स्मरण 🙏💐😊-