अज्ञात लोक से आए हैं...
अज्ञात लोक को जाना है...
दुनिया है रंगमंच और हम कठपुतली...
यही जीवन की परिभाषा है...-
इश्क की खुमारी का दर्द पनाह पा गया शायद,
टीस अब इंतजार के जख्मों पर नहीं उठती।।-
आज एक अज्ञात प्राणी बच्चों को पढाकर आया है
पहाड़े याद न करने पर वो उन्हें डांट कर आया है...
याद न करने की बजह पूछने के वजाय
बच्चों के रोने पर वो
''मुँह से सांस भी बाहर न आ जाये''
ये शव्द कहकर आया है...
बच्चों को अभिप्रेरित करने के बजाय वो उन्हें वो उन्हें दण्डित करके आया है
लगता है वो अज्ञात प्राणी B.Ed. कोर्स में फेल होकर आया है...😂😂-
जिसे हमसफर समझा था
गर वही हमें छोड जाय
तो ये दिल बेचारा लेकर
हम किसके दर पर चले जाय..😢-
यादें तो बेवफ़ा होती है,
कभी आती है कभी खो जाती है...
हमने तो तेरी रूह से नफ़रत की है,
कयामत से पार तक की.....-
बिना सुबह हुए ही,
शाम हो जाती है
खबर मिली थी शायद ,
सन्नाटों को भी
रौशनी भी अक्सर,
अँधेरों में अज्ञात हो जाती है ।-
तुझे छू कर नहीं, तूझे धडकनों से मेहसूस करना चाहते है
बना के ताबीज़ तूझे सांसों के करीब रखना चाहते है.....
बेजुबान इश्क़ को तेरी सांसों से छूना चाहते है
मोहब्बत के रंगों में सांसों से लिपटना चाहते है.....-
Na mein Majnu, heer, ya Ranjha ban paya..
Teri chahat ne bas aaj mujhe, agyat kalamkar banaya...-
तुझको देख बहकने लगा
में खुद से ही झूट कहने लगा
चूम रहा तेरे होंठो को
उफ्फ क्या हसीन सपने देखने लगा-