छत पे जब तुम झटक के जुल्फे सवारती होतब तुम बिन हथियार के ही मेरी जान लेती हो— % & -
छत पे जब तुम झटक के जुल्फे सवारती होतब तुम बिन हथियार के ही मेरी जान लेती हो— % &
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कदम ज़मीन में है पर आंखों को आसमां की तलाश है ।यूं तो मजबूरियों की जंजीर से जकड़े है मेरे कदमपर राहों को मंजिल की प्यास है ।— % & -
कदम ज़मीन में है पर आंखों को आसमां की तलाश है ।यूं तो मजबूरियों की जंजीर से जकड़े है मेरे कदमपर राहों को मंजिल की प्यास है ।— % &
हमारा मिलना नियति थी ना मिले है हम इत्तेफाक से ना सिर्फ आंखे , बाते , अदा मुझे इश्क हुआ तेरी हर बात से— % & -
हमारा मिलना नियति थी ना मिले है हम इत्तेफाक से ना सिर्फ आंखे , बाते , अदा मुझे इश्क हुआ तेरी हर बात से— % &
तू मेरी चीनी , तुझ बिन मैं फिकामें हु पुष्पा , और तू मेरी रश्मिका -
तू मेरी चीनी , तुझ बिन मैं फिकामें हु पुष्पा , और तू मेरी रश्मिका
तू जो रहे उदास में कहा सो पाऊंगा तेरे आंखों में हो यदि अंशुतो मैं कैसे मुस्कुरा पाऊंगा जो न मिटा सका तेरा अकेलापन तो कैसे महफील में रह पाऊंगा जो ना समझ सका तुझे मैं मैं खुद कही खो जाऊंगा -
तू जो रहे उदास में कहा सो पाऊंगा तेरे आंखों में हो यदि अंशुतो मैं कैसे मुस्कुरा पाऊंगा जो न मिटा सका तेरा अकेलापन तो कैसे महफील में रह पाऊंगा जो ना समझ सका तुझे मैं मैं खुद कही खो जाऊंगा
खुद को खर्च कर रहा था वहा ,जहा मेरी कीमत ही नही थी -
खुद को खर्च कर रहा था वहा ,जहा मेरी कीमत ही नही थी
उसका इश्क बड़ा सादा सदा है,सही भी तो है , मेरा दिल भी तो उसके भोलेपन में आया है | -
उसका इश्क बड़ा सादा सदा है,सही भी तो है , मेरा दिल भी तो उसके भोलेपन में आया है |
इश्क करती है मुझसे सोचती है ज़माने का ये तौर समझ नही पाया मैं इश्क निभाने का -
इश्क करती है मुझसे सोचती है ज़माने का ये तौर समझ नही पाया मैं इश्क निभाने का
समझ नही आता मैं कैसे हु तेरे पासमैं रोज देखता हु आईना मैं नहीं हु इतना खास -
समझ नही आता मैं कैसे हु तेरे पासमैं रोज देखता हु आईना मैं नहीं हु इतना खास
जिसमें सब्र टूटा तो सब तबाह कर देती है -
जिसमें सब्र टूटा तो सब तबाह कर देती है