छत पे जब तुम झटक के जुल्फे सवारती हो
तब तुम बिन हथियार के ही मेरी जान लेती हो— % &-
Kamal Agrawal
(Agyat lekhak)
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Joined 13 February 2018
1 FEB 2022 AT 22:42
30 JAN 2022 AT 18:00
कदम ज़मीन में है
पर आंखों को आसमां की तलाश है ।
यूं तो मजबूरियों की जंजीर से
जकड़े है मेरे कदम
पर राहों को मंजिल की प्यास है ।— % &-
25 JAN 2022 AT 20:22
हमारा मिलना नियति थी
ना मिले है हम इत्तेफाक से
ना सिर्फ आंखे , बाते , अदा
मुझे इश्क हुआ तेरी हर बात से
— % &-
15 JAN 2022 AT 23:01
तू मेरी चीनी , तुझ बिन मैं फिका
में हु पुष्पा , और तू मेरी रश्मिका-
13 JAN 2022 AT 22:31
तू जो रहे उदास
में कहा सो पाऊंगा
तेरे आंखों में हो यदि अंशु
तो मैं कैसे मुस्कुरा पाऊंगा
जो न मिटा सका तेरा अकेलापन
तो कैसे महफील में रह पाऊंगा
जो ना समझ सका तुझे मैं
मैं खुद कही खो जाऊंगा
-
18 DEC 2021 AT 23:01
उसका इश्क बड़ा सादा सदा है,
सही भी तो है , मेरा दिल भी तो
उसके भोलेपन में आया है |-
15 DEC 2021 AT 20:28
इश्क करती है मुझसे
सोचती है ज़माने का
ये तौर समझ नही पाया मैं
इश्क निभाने का-
8 DEC 2021 AT 23:11
समझ नही आता मैं कैसे हु तेरे पास
मैं रोज देखता हु आईना मैं नहीं हु इतना खास-