चाहत तुझ से इस कदर है.. हर पल, सांस में तेरा ज़िक्र है दिल को कैसे समझाऊं, इश्क़–ए–इजहार में न कर पाऊं तुझे खोने का भी जो खयाल आये कमबख्त ये रूहे सहम जाएं..!! :–अज्ञात — % &
हर पल हर लम्हे में तेरा ज़िक्र है बिन तेरे हर लम्हा सुना है..! तुझ से इस कदर हैं प्यार हर घड़ी तेरा ही इंतज़ार ..!! खोये है हम तेरे ख्वाबों में मोहब्बत तुम से बढ़ गई आँख खोलू या बंद करू हर जगह तू नजर आये महसूस होती हर जगह तेरी मोजदुगी राहें उडिक्ति ये नैना तेरी ....!!!
वक्त ने अक्सर सबक सिखाया है सपने टूट जाते हैं पर पूरे होते नहीं यू तो रहती है होठों पर मुस्कराहट पर दिल ऐ हाल हम ही जाने..!! जो दिलों में बस जाते हैं अक्सर वही बोहोत रूलाते ...!! :– अज्ञात
कितने बेबस हैं ये रिश्ते कोई रूह से पूछे कितना तड़पता है दिल इनके आगे उदास हो जाती हैं जिंदगी.. जीना चाहे पर वजह नहीं मिलती रातभर यादों में इनकी रोते गर मिलना ही होता इनको तो जिंदगी भर के क्यू नी मिलते...!!
इस अजब सी दुनियां में सब होते हुए भी अलग सा महसूस करती वो, बहुत गम होते, उसके मन में कमबख्त कितने दुखों से गुजरती होगी वो सब को लगता मज़बूत हैं, वो पर, जीने को कोई वजह न बचती जब अपने ही अपने ना रहे....!!