QUOTES ON #AGYAAT

#agyaat quotes

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10 SEP 2020 AT 15:43

हम शायद उन्हें नहीं,,
उनके पुराने किरदार को याद किया करते हैं..
जो अब उन के अंदर जिंदा है भी या नहीं...
यह भी अज्ञात है.....

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7 JUN 2021 AT 17:05

खाने में 100 नखरे करने वाले
अब कुछ भी खा लेते है,

माँ के सीने से लिपट कर सोने वाले, अब बिना
बिस्तर के ही सो जाया करते है

सिर्फ बेटियां ही नहीं, बेटे भी पराये होते है...

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4 APR 2021 AT 21:16

संस्कारो और मान मर्यादा की आड़ मे
मांगलिक सुत्रो से बंधने जा रही
पहली तो पुरी ना हो सकी और
ये ख्वाहिश तुम अधुरी ना रखना
इन निमंत्रण पत्रो मे एक तुम्हारे भी नाम का हैं
हो सके तो शादी मे तुम जरुर आना

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7 JUN 2021 AT 21:41

खुद से दोस्ती हुई तो पता चला कि
मुझसे बेहतर मुझे कोई नहीं जानता...

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10 JUN 2021 AT 22:18

लिखू सोच को
गहराइयों में डुबाके

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30 JUL 2022 AT 21:47

एक दिन एक बेसहारा , लाचार , इधर-उधर की ठोकरे खाता,
रोज़गार की तलाश में एक बेरोज़गार की आह! निकलती है,
मैं एक बेरोज़गार हूँ !

चल जाए न भर्तियों में घूस कहीं
घूसखोर भी तो है, दूर नहीं !
यही सोचता मैं, क्लांत ज़िन्दगी का एक बेरोज़गार
इधर - उधर भटकता हूँ !

अम्मा - बापू अभिलाषा में होंगे
अपने स्वप्नित चक्षुओं से टक - टकी लगाए होंगे !
यही धुन ही एक बेरोज़गार के ,
भरती मन में अप्रत्याशित विचलता है !

मुझसे मिलने को कौन है, चिंतित ?
सिवाय नीरसता, बेकसी, निर्धनता, पराधीनता आदि !
यही उत्पन्न करता लंपटता पैरों में ,
परिपूर्ण करता हृदय में व्यग्रता है !

क्योंकि कहीं घोटाला/घपला न हो जाए योजनाओं में ,
मैं भटकता हुआ इधर - उधर बेरोज़गार हूँ !

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7 JUN 2021 AT 22:07

अगर कभी गुस्से में माँ बाप के उपकार
गिनने बैठो तो आसमान के तारे गिन लेना,
बड़े होने का वहम निकाल जाएगा...

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26 JAN 2021 AT 2:03

अज्ञात

ना मैं मीरा हूँ......ना मैं राधा हूँ,
मैं तो बस एक अज्ञात सी अनुराधा हूँ।।

ना मैं राम हूँ......ना मैं कृष्णा हूँ,
मैं तो बस एक अज्ञात सी तृष्णा हूँ।।

ना मैं द्रौपदी हूँ......ना मैं जानकी हूँ,
मैं तो बस एक अज्ञात सी शान्ति हूँ।।

ना मैं आरम्भ हूँ......ना मैं अंत हूँ,
मैं तो बस एक अज्ञात सा मध्य हूँ।।

हां हूँ मैं अज्ञात, किंतु सरल हूँ,
मैं तो बस अज्ञात, अनजान, अविरल हूँ।।

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25 FEB 2020 AT 0:45

||TUM HI..||


Tum hi ant ho,
Tum hi shuruaat ho,

Mere anant main bhi tum ho,
Mere ekant main bhi tum ho,

Tum hi Ram aur Allah ho,
Tum hi hindu aur musalma ho,

Har behti ganga main tum ho,
Har hajj ke liye badhte kadam main tum ho,

Mere roohkaar bhi tum ho,
Mere chitrakaar bhi tum ho,

Tum hi ant ho,
Tum hi shuruaat ho...



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3 NOV 2022 AT 9:11

तेरे कोरेपन की गर्तों में ख्वाहिशें भरती चलूं मैं।

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