मैने कभी सोचा ही नहीं मेहेल ख्वाबों के,
कहीं रेत के महल की तरह बिखर ना जाए...-
Emíßky
(अज्ञात)
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Bad vibes forever 🖤
Joined 6 June 2021
21 JAN 2022 AT 0:44
29 SEP 2021 AT 9:27
ये शाम - ए - बारिश तुम्हारी याद और दिला जाती है,
बारिश की बूंदों में भी तुम्हारा चेहरा दिखा जाती है,
शाम को बैठूं अकेला खुद के साथ तो तुम्हारी परछाई दिखा जाती है...-
28 SEP 2021 AT 18:28
मुरादों में मांगा था उसे खुदा से,
खुदा ने मेरे पास तो भेजा पर नसीब में ना लिखा...-
20 JUL 2021 AT 16:08
आंखो में ख़्वाब लेकर मेंने फिर उसे बुलाया,
पर आंखो मै पहले से टूटे ख़्वाब बसे थे...-
18 JUL 2021 AT 17:39
अकेलेपन से डर,
कैसा मै लड़का हूं,
वक़्त के साथ मैं,
सुधरता बिगड़ता हूं मैं...-