(प्रेम)_एक अधूरी कहानी
by Pranjal (Aman)
वो रास्ता हसीन था ,मगर मंजिल न उसपे थी मेरी
फिर भी मैं उसपे चलता रहा,बगैर फिक्र किए अपनी।
अनजान था अंजाम से ,लेकिन आगे बढ़ता रहा
प्यार की एक डोर से, कुछ नए रिश्ते बुनता रहा।
नहीं थी ख़बर मुझको कि एक मोड़ ऐसा आयेगा
जहाँ हादसे मिलेंगे,और सब कुछ बदल जायेगा।
जिसकी चाहत थी मुझे ,वही बहुत तड़पाएगा
चांद सा प्यारा वो शख्स, मुझपे ही दाग लगाएगा।
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