Naushaba Suriya   (Naush✍️)
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Joined 30 March 2022


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Joined 30 March 2022
1 APR AT 13:25

.....सहारा....

लड़ा नही जाता अब हालातो से
अब टूटते हुए सपनो के टुकड़ों को
संभाला नही जाता
मां की ममता का स्नेह अब
बताया नही जाता

अब बस दुआ वों का सहारा है
मन्नतो का आसरा है
वक्त के साये तले
हर शक्स का बेनकाब चेहरा है

अपनी तन्हाई में अब हम
टूटते हुए मोती मंजूर नहीं करते
लड़खड़ाते कदम हम कुबूल नही करते

चमकती थी आंखे कुछ ख्वाब के लिए
अब ये हालात हम मंजूर नहीं करते
अब खुदासे से यह राह फिरसे कुबूल नही करते

टूटते हुए सितारों का
अब बस आसमा सहारा है
चमकते हुए तारो का
उजाला भी अब गहरा है
अब हालातों से लड़ा नही जाता
अब बस दुआ वों का सहारा है
...................... ......
नौशाबा जिलानी सुरिया

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26 JAN AT 15:50

.............सही .......

सवाल का हर बार जवाब पीछे नहीं होता
ख्वाब देखना नींद में सही नही होता

गम में मुस्कुराना हमेशा नही होता
खुशियों में होठों को सीना सही नही होता

मोहब्बत लफ्जों में बया नही होती
गुस्से में रिश्ता को निभाना सही नही होता

पीठ पीछे शेर जंगल का राजा नही होता
भीगी बिल्ली बनकर रहना भी सही नही होता

जिंदगी मायूसी में काटना जीना नहीं होता
परिंदे के पंख काटना भी सही नही होता

जिंदगी से दोस्ती भी ज्यादा कहाँ होती है
दुश्मनी अपनो से निभाना भी सही नही होता
.........................
नौशाबा जिलानी सुरिया

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23 JAN AT 23:25

..........लहजा........

ऐ जिंदगी! सीख रही हूँ जीने का लहजा
थोड़ी देर तू जरा और ठहर जा

हर शाम खुद को खोज रही हूँ
हर रिश्ते के राज समझ रही हूँ

ढलते सूरज से धीरज सीख रही हूँ
तारो से झिमिलाना सिख रही हूँ

ख्वाबों की मुट्ठी खोल रही हूँ धीरे धीरे
ऐ जिंदगी ! समझ रही हूँ तुझे धीरे धीरे

भीड़ से तन्हा लड़ने का लहजा सिख रही हूँ
ज़िम्मेदारी का उठाना बोझ सीख रही हूँ

ऐ जिंदगी! थोड़ी देर तू जरा और ठहर जा....
-----------------------------
नौशाबा जिलानी सुरिया

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21 JAN AT 21:15

.......अधूरी........

अकसर अधूरी रह जाती हैं बातें
अब बाबुल की याद में हि कटती है रातें

वक्त निकाल कर
बात तो कर लेते हैं
हाल ए दिल सुना देते हैं
मगर कुछ अधूरी कहानी रह जाती है
कुछ बाते सुनानी रह जाती है

जिम्मेदारियों में आंखे डूब जाती हैं
बाबुल की यादें भी बहुत सताती हैं

ऐ जिंदगी शिकायत नही तुझसे
खो दिया है बाबुल का आंगन खुदसे

फिक्र तो आज भी होती है
भाई कैसा होंगा
मां ने किससे अपना हाल बांटा होंगा

जिम्मेदारी का रिश्ता भी
यादों में खोने नही देता
रहती है याद सबकी सोने नहीं देता

हस्ता खेलता बाबुल का आंगन रहे
बस यही इल्तेजा खुदासे करती हु
......................................
नौशाबा जिलानी सुरिया

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1 JAN AT 19:24

.....शायद.....

शायद दिल को खबर मिली है
मेरे लिए जिम्मेदरियों की कली खिली है

दिल को कुछ हो रहा अहसास है
अब इस आंगन से विदाई पास है

मां की डांट भी अब मिलेगी कैसे
मेरे इंतजार मे राह भी तकेगी कैसे

भाई के शरारतों से बेखबर होंगे
जाने वहाँ दिन भी कैसे बसर होंगे

पापा के प्यार से अब रात न होंगी
उनके दुलार से सुबह न होगी

मां की बिटिया कह कर
गोद में सोना न होगा
पापा के पास बैठकर उनको सताना न होंगा

शायद दिल को यही खबर मिली है
मेरे लिए जिम्मदरियों की कली खिली है

......................................
नौशाबा जिलानी सुरिया

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27 DEC 2023 AT 22:35

.....मेरी कलम......

मेरी कलम मेरा साथ बखूबी निभाती है
तन्हाई में भी आकर गले लगाती है

कड़कती धूप में
परछाई बन जाती है
ठंड मे
मखमल की चादर कहलाती है

मैं रूठ जाऊँ अगर
तो प्यार से मनाती है

सजदे करूं तो
दुआएं मेरी भी कहती है
गलती पर टोकती है
खुशियों पर गले लगाती है

हर कदम साथ रहती है मेरे
कविता ही मेरी मंजिल है अब
कलम साथ रहती है
फर्ज अपना निभाती है
.............. ....... ....
नौशाबा जिलानी सुरिया

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27 DEC 2023 AT 22:34

.....मेरी कलम......

मेरी कलम मेरा साथ बखूबी निभाती है
तन्हाई में भी आकर गले लगाती है

कड़कती धूप में
परछाई बन जाती है
ठंड मे
मखमल की चादर कहलाती है

मैं रूठ जाऊँ अगर
तो प्यार से मनाती है

सजदे करूं तो
दुआएं मेरी भी कहती है
गलती पर टोकती है
खुशियों पर गले लगाती है

हर कदम साथ रहती है मेरे
कविता ही मेरी मंजिल है अब
कलम साथ रहती है
फर्ज अपना निभाती है
.............. ....... ....
नौशाबा जिलानी सुरिया

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27 DEC 2023 AT 22:31

.........मेरी दुनियाँ.....

मेरी दुनिया हो आप दोनो
जिंदगी के राहों में फरिश्ते हो

जिंदगी ने जब सताया
मुझे आपकी दुआओं ने बचाया

जब जख्म दिए रास्तों ने मुझे
आप दोनो की ममता ने ही गले लगाया

जिंदगी से हुई जब रुस्वाई
तो आप दोनो ने ही डांट लगाई

यू तो सच कहूं
पहले बहुत सी बाते दिल में होती थी
आखिर क्यों इतनी पीछे पेहरदारी थी
मगर अब समझती हूं
बिटिया के गम की परछाई भी मंजूर न थी

इसलिए मुझे सीने से लगाकर रखते थे
हर वक्त काजल के टीके में छिपाकर रखते थे

मुझे एक बात जीवन ने सिखाई है
क्या है ममता आप दोनो ने ही बताई है

जिंदगी थोड़ी मुश्किल है
मगर वादा है
हर मंजिल को पार कर जाऊंगी
आपकी बेटी हूँ
यह गर्व से बताऊंगी

दुनिया के गोल गोल रास्ते भी पार करलूंगी
बस दुआओं का हाथ सदा सर पर रखना
देखना एक दिन मैं जिम्मेदार भी बन जाऊँगी

कोई ऐसा तोहफा नही
जो आप दोनो का कर्ज चुका सके
जो मेरे दिल की मोहब्बत जता सके
बस अपनी मुस्कान का खयाल रखना
और हमेशा खुश रहना
.............................
नौशाबा जिलानी सुरिया

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21 DEC 2023 AT 20:41

......नमी आंखे....
सहम जाती है आंखे मेरी
देखकर नए मोड़ की तस्वीर
डर जाती है आंखे मेरी
जिम्मेदारियों के दल दल से

यू तो खुदसे वादा है
सब संभालने का इरादा है
थक जाती है आंखे कभी
होती है जब मुझ में कमी

जिंदगी शिकायत तो कुछ नही
बस दर जाता है दिल
सहम जाती है आंखे

कभी आंखे भीग जाती है,
अल्फाज दिल पर हावी भी होजाते है
............…...................................
नौशाबा जिलानी सुरिया

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21 DEC 2023 AT 19:26

......... ख्याल........
दिल में खयालों का तूफान है,
लेकिन यही तो मेरा मकान है।

चीज़े कुछ संभालती है,
तो कुछ हाथ से फिसल जाती है

जिंदगी का यह मोड़ कभी दोस्त बनजता है,
तो कभी बहुत सताता है।।

कुछ बाते नही समझ में आती,
यहा जिम्मेदारी भी मुझे ठीक से गले नहीं लगाती।

यू तो मुस्कुरा लेती हु,
मगर तन्हाई कहा हसाती है।

जिंदगी की राहें बहुत परेशान करती है,
यू जिम्मेदार होना सिखाती है।
मगर तूफान को दिल में बैठाती है,
और बहुत सताती है।।।
.......…...................
नौशाबा जिलानी सुरिया

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