Pranjal Aman  
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Joined 1 February 2019


Joined 1 February 2019
13 FEB AT 6:36

(प्रेम)_एक अधूरी कहानी
by Pranjal (Aman)
वो रास्ता हसीन था ,मगर मंजिल न उसपे थी मेरी
फिर भी मैं उसपे चलता रहा,बगैर फिक्र किए अपनी।
अनजान था अंजाम से ,लेकिन आगे बढ़ता रहा
प्यार की एक डोर से, कुछ नए रिश्ते बुनता रहा।

नहीं थी ख़बर मुझको कि एक मोड़ ऐसा आयेगा
जहाँ हादसे मिलेंगे,और सब कुछ बदल जायेगा।
जिसकी चाहत थी मुझे ,वही बहुत तड़पाएगा
चांद सा प्यारा वो शख्स, मुझपे ही दाग लगाएगा।

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18 FEB 2022 AT 18:37

फिक्र है मुझे तेरी, पर मैं तेरे लिए गुनेहगार हूं
दे दी तुझे अपनी कीमती चीज़ ,फिर भी मैं बेकार हूं
अब बचा है सिर्फ स्वाभिमान, जिसको मैं बचाने पे ध्यान दूं
तुझे जाना है तो जा, अब मैं आगे बढ़ने को तैयार हूं

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14 JAN 2022 AT 20:21

तेरी यादों की अस्थियों को बहा के आया ,
आज मैं गंगा नहा के आया।
घाट पर जलती चिताएं देख कर,
इस संसार का खेल समझ आया।
लोगों के घमंड और गुरुर को ख़ाक होते देखा,
मैंने अच्छे से अच्छे इंसान को राख होते देखा।
इसलिए सारे ईर्ष्या , द्वेष नदी में बहा के आया,
आज मैं गंगा नहा के आया।

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9 AUG 2021 AT 22:50

दुवाओं का पता नहीं , बददुवा हमने जरूर पाया।
ये तो मिलना ही था, हमने जो अपनों को गले लगाया।

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8 AUG 2021 AT 20:54

आज मैं फ़िर निकला उस रास्ते, जिसे छोड़े जमाना हो गया। मिलीं कुछ मधुर यादें और मैं फिर दीवाना हो गया।

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