#sunona
वो जो नर्म मुलायम रेशमी सतह पर खुरदुरा सा है वो मैं हूँ..
वो जो मुकम्मल होने की चाह में अधूरा सा है वो मैं हूँ..
वो जो सब कुछ कह देने के बाद भी अनकहा सा है वो मैं हूँ..
वो जो हासिल होने की राह में ज़रा सा चूक जाए वो मैं हूँ..
एक अधूरी कहानी का पूरा किस्सा..वो मैं हूँ..!!-
किसी को तो सच्चा प्यार मिलता है
और किसी को प्यारा यार मिलता है
ख़्वाब किसी के जो कोई भी देखे
उसको न कभी भी क़रार मिलता है
आरज़ू किसी ने ख़ुशी की जो की
उसको न मौसम-ए-बहार मिलता है
दीद-ए-यार में दर-बदर घूमते है जो
मर जाते हैं वो न दीदार मिलता है
मिले मोहब्बत तो क़द्र करना तुम
ये तोहफ़ा बस एक बार मिलता है
उजालो से कोई गिला नही हमको
ख़ुद जलते हैं तो अनवार मिलता है-
“Mujhko apni aakhiri ‘Hasrat’ bna lo...
Apna ek adhura ‘Khawaab’ samajh kar...!!!”-
अधूरा रहा...
मैं और मेरा प्यार...
मुकम्मल हुई...
वो और उनका इंकार...-
Suraj ke bager din adhura hai
Chanda ke bager Raat adhuri hai
Tere Bina Mera Dil dimag aur din
Adhura hai yar-
वो हाथों में कंगन दिखा दिखा समझा रही थी...
हो चुकी हूँ परायी इशारों में बतला रही थी...-
इश्क़ उससे करो जो साफ दिल का हो!!
साफ चेहरे वाले का तो गुरुर ही कम नहीं होगा...-
"Adhura hu ya Mukammal hu khud me...?"
Kaisa azeeb Ehsaas hai ye Tera...!"-
ये अधूरे इश्क कि बारिशें वो मंजर कर जाती हैं
दिल की उपजाऊ मिट्टी को बंजर कर जाती है-