गलतफहमियों का कैसा सितम आया है,
खूबसूरत सी जिंदगी में कैसा गम आया है,
जो दिलों जान से जानते थे एक दूसरे को,
आज उन्हें खुद पे ऐतबार थोड़ा कम आया है,
वो कहे तुम कोशिश करो,
वो कहे पहले तुम आगे बढ़ो,
थोड़ा गांठ सी पड़ गई है पुरानी रस्सियों में,
तुम प्यार के नए धागे गढ़ो,
बिगड़ा ना कुछ ना बिगड़ा था,
वो दोस्ती निराली थी, वो यार बेफिक्रा था
गलतफहमियां दूर हो गई, अब मलाल मत करो,
लौट आओ पहले की तरह,
पुराने से इन रिश्तों पर अब कोई सवाल मत करो
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