महाराणा संग समर लडे़ ये वो जंगल के वासी हैं,
जल-जंगल-जमीन के रक्षक हिन्दू आदिवासी हैं।
इतिहासों में-वीरों की गाथा पूजी जाती है,
मानवता को धर्म समझते ये ही इनकी जाती है।
आदिवासी कबिलाई ने रोटी घास की खाई है,
दुश्मन कांपे जिस महाराणा से ये उनके ही साथी हैं।
आदिवासी प्रीत कभी मक्कारी नहीं सिखाती है,
यारी में जो जान लुटा दे ऐसी इनकी छाती है।
जल-जंगल-जमीन के रक्षक हिन्दू आदिवासी हैं।
जल-जंगल-जमीन के रक्षक हिन्दू आदिवासी हैं।
सभी हिन्दू आदिवासी भाईयों को आदिवासी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।-
महाराणा संग समर लडे़ ये वो जंगल के वासी हैं,
जल-जंगल-जमीन के रक्षक हिन्दू आदिवासी हैं।
सभी हिन्दू आदिवासी भाईयों को आदिवासी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।-
इस बात को अपने दिमाग़ में बैठा लीजिए कि आदिवासी भारत देश की जमीन पर नहीं बल्कि भारत देश आदिवासियों की जमीन पर अवस्थित है..!
#5thJanuary2011-
9 अगस्त
विश्व आदिवासी दिवस की आप सभी को
हार्दिक शुभकामनाएं
🌴🍁🍂🍀🍂🍂🍁🌳-
मानव सभ्यता का अध्ययन किया तब समझ आया "आदिवासी" किसी क्षेत्र में परिबद्घ होने वाले लोग नहीं अपितु "आदिवासी" उच्च मानव सभ्यता की आधार शिला है। आदिवासी एक जीवन शैली है जो मानव की प्रकृति के साथ सामंजस्य की फलश्रुती है।
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जिस समाज का युवा उसी समाज के प्रति थोड़े से लाभ के लिए उसी समाज को नुकसान पहुंचाता है तो उस समाज को विनाश के लिए दूसरे दुश्मनो की जरूरत ही नही ।
Chhotu madge-
मय आदिवासी हव..
पुरखा मन के मान रखैया
बुढ़ा देव के पूजा करैया
बिपत म मय धीर धरैया
प्रकृति के असली बेटा
मूल निवासी हव
मय आदिवासी हव...
सुख दुःख के मय मरम जनैया
सगा के सत्कार करैया
माटी के संग जुड़े रहैया
मानवता के बात करैया
बंजर म सोना उपजैया
मूल निवासी हव
मय आदिवासी हव...
अपन बात म अटल रहैया
क्रांति के मसाल धरैया
शेर अस गरज के जे
लेथे अपन हक ला भैया
ये धरती के जतन करैया
उहि जंगल के भाई मैंहा
पथरा कस जांगर वाला
मूल निवासी हव
मय आदिवासी हव...-