QUOTES ON #YQBABA

#yqbaba quotes

Trending | Latest
6 SECONDS AGO

झूम रही है सारी दुनिया,
जबकि हमारे गीतो पर,
तब कहती हो प्यार हुआ है,
क्या एहसान तुम्हारा है !

-


2 MINUTES AGO

उस रूठे हुए के ना मानने पर,
"निक्क" ज़िन्दगी कुछ ऊब जाती है।
हर रोज़ इस डूबते हुए सूरज के साथ,
तेरे लौट आने की उम्मीद डूब जाती है।।
%निक्क% 26/04/2024©

-


3 MINUTES AGO

कैसे हो ?
किसी भी बात से नाराज़ ना होना
कोई भी ग़लत ख़याल
अपने मन में ना आने देना
ना दिल अपना दुखी करना ।

मैं तुमसे प्यार करती हूँ
मैं तुम्हारी ही हूँ
देखो, तुम्हारे लिए सबके सामने कह रही हूँ ।

दिल अपना उदास ना करना
ये सब ज़रूरी है
तुम सब समझ सकते हो ।

हमेशा मुस्कुराते रहो
वैसे ही तुम
smart और handsome
दिखते हो ।❤️😘

-


7 MINUTES AGO

Dear Beloved,

You once spoke of how, in your absence, life would resemble a crumpled piece of paper - no matter how diligently one tries to smooth it out, traces of imperfection would always linger within the creases. Today, as I navigate through the void left by your departure, I find myself painstakingly ironing out each fold, dampened by the tears that flow in remembrance of you. My hope is that one day, when you return, I will be able to present you with that paper restored to its former glory. Love remains steadfast, untouched by the passage of time, its beauty enduring despite the trials we face.

With unwavering affection,
#HR

-


15 MINUTES AGO

प्रेम को बदनाम करने की
कभी भी कोशिश ना करना ।

प्रेम ही है
जो इस संसार को
हर मुश्किल से बाहर है निकालता ।

-


17 MINUTES AGO

हवा की तरह बहना।
बिजली की तरह गरजना,
बादलों की तरह बरसना।

नदिया की तरह समाना,
सागर की तरह अपनाना।
जो उचित लगे, खुलकर कहना,
इंसानियत का प्रहरी बनकर रहना।।
(117/366)

-



कभी दर्द मेरे कभी तकलीफ मेरी,
बयां की है बार-बार देख जुबां ने मेरी,

डुबाई देख तुने है
उम्मीद की कस्ती बार-बार मेरी,
कैसे करूं और भरोसा तुझपे,
देखी है मेरे मेरहरबाँ मैंने मेहरबानी हरबार तेरी,

जीद्दी देख हूं बहुत मैं और,
जीद पकड़कर बैठी हुई है हिम्मत भी मेरी,
लड़ रहा हूं रोज होंसलों संग जीवन के आंधी तुफानों से,
यही है अब देख रोज की जीवनशैली मेरी,

न हिन्दू न मुसलमान,
पहचान सिर्फ हो इंसानियत की तेरी मेरी,

राष्ट्र से देख बढ़कर नहीं कोई है धर्म मेरा,
न हो मुल्क से बढ़कर कोई इबादतगाह तेरी,
मैं भी बैठकर शांति संग भजन कीर्तन कर लूं मेरा,
तूं भी बिन शोर किये सुना दे उसे अजान तेरी..✍️आनन्द"

-


19 MINUTES AGO

कैसी मोहब्बत की यह रिवायत हैं 'क़फ़स'
मैंने ख़ुद को ख़ुद से ख़ुद ही जुदा किया था

-


20 MINUTES AGO

वो तलबगार हो गया
क्या करे..?
हमसे इन्कार हो गया
तो फिर क्या करे...?
मेरे अच्छे दोस्त हो लेकिन...!!
बाद में तुम से प्यार हो गया
तो फिर क्या करेगे...?

-


21 MINUTES AGO

Thin strands of Hair
try hard to conceal
the sorrow!

-