इति सूनी ना जावन्ति बीती गौर म्हारी
बेरूता ना मुरझावन्ति, फुलां री क्यारी
रात आला जुजला, संग संग न रोवन्ता
बिन बतलाया मोर, मांझल न सोवन्ता
हिवड़े री न उधड़ती रे जिलतां
साजण जी जे थे ना मिलता
साजण जी जे थे ना मिलता।।
भरी रेव भीड़, म्हारे आले दुआले
पण थारे बिना, हिये ने कुण भावे
चालती आ बेरण बयार, पीड़ जगावे
आँख्यां रो काजळ, गाला संग बतलावे
होंठ म्हारा बिन बोल्या, इयाँ न सिलता
साजण जी जे थे ना मिलता
साजण जी जे थे ना मिलता।।-
कद खौल्हां मूंडा का ताला नें ,
सरकार तु क्यूँ , खोटी करै म्हाने
दै ऊँचौ गगन म्हारी वाणी नें ,
आ बौली दस करोड़ कंठा कि
तु हिन्दी सूं मत जोड ,
बात कहूं मेंं चुभती
इरै आगे संस्कृत री नि ठोड ॥
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जै जगदीश जै जगन्नाथ हो आप सगळा जगत रा नाथ,
निकळी आपरी सवारी दाऊ भैया अर् सुभद्रा बहन साथे,
सारो जग यो तैवार मनावे भरपूर उमंग साथे,
ढोवे आपरी रथ सवारी ने जयकारा रे साथे,
मिनख जमारो सफळ हो जावे जद् उबा रो आप साथे,
हर युग में हर रूप में अवतार धरियो आप इण धरती परे,
मिनख जमारा ने सिख देवारो करम करयो आप इण धरती परे,
पूरी करदो बस आ इक अरज् आप सूं म्हारी,
मिनख मिनख नि रयो मिनखपणो भुलगी जनता सारी,
मिनख नें मिनख अठै कोई हमझे काहे कोने,
मोटपण बतावे न्यारी जीवन रो हांच कोई जाणे कोने,
धर्म रा लारे आप हो, हांच रा लारे आप हो,
हर जीव में आप हो,कण-कण में आप हो,
मनडे रा माइनें आप हो, मनडे रा बाणे आप हो,
जीवण रो अरथ आप हो, इ आत्मा रा परमात्मा आप हो,
हे जगदीश,हे जगन्नाथ,आप तो सारा जगत रा नाथ हो,
जै जगदीश....✨🙏✨ जै जगन्नाथ.....-
मंगळ वेळा आयी बाज्या छै ढोळ नगाड
भूत पिसाचां सागै आयी भोळे री बारात
ब्रह्मा जी विष्णु जी बिराज्या च्यारूं वेद
तीनूं लोक गा रह्या मंगळ गौरी रै दरबार
खोलर जटाजूट आज धार्या हार मुकुट
बैरागी जोगीडो बणगो जोरको मोट्यार
देव दनुज मिनख पशु नाचै भूत पिसाच
घोड़ी चढ़ मार्यो छै तोरण म्हारै भगवान
जिणरी ढोक लगावै नित सकळ ब्रह्माण्ड
खा रिह्या छीं फेरा बण लाडा-लाडी आज
गौरी शंकर मिल्या जियां पवन र सुवास
अन्नपूर्णा मैया आयी जद कैलाशां रै मांय
थारी संतान छां हमकु चरणांसुं लगा लिज्यो
सै जीव थारा कुटुम्ब का या प्रेम जगा दीज्यो
छवि निराली आपरी भगवन दीज्यो आशीष
सकळ क्लेश मिटाज्यो मारा गौरीशंकरनाथ-
💕 प्रथम दर्शन 💕
नैण हठीला मोहरा उनसे अड़ गए,बिन पहछाण उलझण में पड़ गए,
सांवली सी सुरत मनडा में बस गए,शांत स्वाभीला नैणों में ही रम गए।
मिलो तो आंगणे जद आंगणे सोने रो सुरज उंगें,
जद हालुं थारे हाती सगळा केहवे जालम जोड़ी।
मुडो़ सीमा ना बैठा दोई बावळा, हिये ताकड़ी तोल,
आ जबान जद खुलै ला, तो सबद सबद बणै अनमोल।
थारी म्हारी वां सब री एक ही बणै सांची कहाणी,
बैठा बैठा मुंडो तके ऄक दुजै रों और नी आणी-जाणी।
बांता माय सू बात निकळसी कीं तो बात बणैली,
पकड़ हाथ में हाथ ऄक दुजा रा जाळम जोड़ी बणैळी।
बाईसा रा वीरा नैण हठीला मोहरा करो जो वादों,
जणम जणम रेहवों साथ जद पकड़ु कलजोळी।।💕-
चांद री चमक यूं ही बरकरार रेवे ,
मैं और म्हारा परिवार री और सूं
थे सघळा ने
ईद री मुबारका देवे !!!
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एक खारौ साँच तौ औ भि है ,
ज्यां का सस्ती शराब मेंं बिक ज्यावे वोट ,
बे हि काढे आज नेता मेंं खोट ।-
कान्हा के सीस पे शोभित होवे
राधा के मन को अति भावे
राधा बोल पड़ी कान्हा सूं -
" थारो मोर पंख होवे जठे ,
म्हारो परेम रस होवे वठे "
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म्हारा राजपूताना.... महारा राजस्थान.....
म्हारा एकलिंग नाथ न म्हारी माँ भवानी री धरती ....
वारि-वारि जाऊ तने....
सारा जग में नाम से थ्हारो...अणी बात पे गुमान से म्हारो...
म्हारी तू आन-बान-शान से...म्हारा प्राण थ्हारे पे कुर्बान से...
है तू पीथळ-पाथळ री धरती...है तू शूरवीर सपूतां री धरती...
पद्मिनी रा जौहर री आग है तू...हाडी राणी रा कटा शीश री लाज है तू...
राजासा रे त्याग-बलिदान रो अक्स है तू...राणा प्रताप री प्रतिज्ञा रो साक्ष है तू...
मोतियां सू मूंगा है थारा रेत रा टीला...हर रियासत में थ्हारा सुनहरा किळा..
म्हारा ये अरमान होवसी...
कद म्हारा ये प्राण थारी शान में काम आवसी...
म्हारा राजपूताना...म्हारा राजस्थान...
म्हारा ये ही अरमान होवसी...
बस वो दन वेगो आवसी...वो दन वेगो आवसी...
जय जय राजस्थान...-