Sometimes, how long you wait cannot be measured in numbers!
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देर तक देखते रहे
हम उनसे मिलने तड़पते रहे
न वो आये
न उनकी कोई खबर
फिर भी राह
देर तक देखते रहे
आने का शौक शायद उन्हें नहीं था
पर हम तो पागल थे न
उनसे वफ़ा कर बैठे
ओर उनकी वेवफाई की आदत को
देर तक देखते रहे-
getting touched the same way
this wind does to every inch of my body.-
Coffee cup reading ( नज़्म/نظم)
उसे मैसेज तो भेजा है
के कॉफ़ी पर मिलो मुझ से
वो आ जायेगी तो अच्छा
मैं पहले सिर्फ़ दो कॉफ़ी मँगाऊंगा
मैं कैपेचीनो पीता हूँ
वो कैसी कॉफ़ी पीती है
इसका अंदाज़ा तो उसके आने पर होगा…
हमारे पास तो बातें भी कम हैं
सो कॉफ़ी जल्द पी लेंगे।
जो उसके कप में थोडा झाग कॉफ़ी का बचा होगा
मैं उसकी शेप को पढ़ कर उसे फ्यूचर बताउँगा
बताऊँगा उसे मैं
कैसे वो मुझ जैसे इक लड़के की दुनिया को बदल देगी…
(उसे मालूम होगा क्या? के कॉफ़ी कप की रीडिंग का तरीक़ा ये नहीं होता ?)
मैं कैफ़े आ चुका हूँ...
...वो भी रस्ते में कहीं होगी
बहुत से लोग कैफ़े आ के पढ़ते लिखते रहते हैं
मुहम्मद अल्वी की नज़्में तो मैं भी साथ लाया हूँ
ये होगा तो नहीं फिर भी, वो आई ही नहीं तो फिर
इन्हीं लोगों के जैसे मैं भी पढ़ कर वक़्त काटूँगा।
उसे आने में देरी हो रही है
मैं इक कॉफ़ी तो तन्हा पी चुका हूँ
ज़रा सा झाग कप में है जिसे देखो तो लगता है
के इक लड़का अकेला बैठ कर कुछ पढ़ रहा है।
तसल्ली दे रहा हूँ अब मैं ख़ुद को
ये मेरी शाम का फ्यूचर नहीं है
... के कॉफ़ी कप की रीडिंग का तरीक़ा ये नहीं होता…-
यूं वक़्त ना गुज़ारा करो हमसे दूर
ये खामोशियां हमें चुभने लगी हैं,
कैसे करें जज्बातों को बयान कि
आंखों में नमी और धड़कने ज़रा बढ़ने लगी हैं।
आपके लौटने के इंतजार में
हमारा दिल और फिजाएं ये तरसने लगी हैं,
नाजाने कब होंगे आप हमसे रूबरू
कि सबर की ये सरहदें अब टूटने लगी हैं।-
कि खुशियां भी उसे दी
जिसके हिस्से गम नहीं
चाहता है सितारों जैसी चमक
और खुद सूरज से कम नहीं
ना पूछ कि दर्द क्यूँ नहीं हुआ तेरे ज़ख्म से
इंसान तो सिर्फ तू है हम नहीं
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