In a parallel universe,
You are searching for me.
Maybe, I should skip places.
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25 JAN 2018 AT 11:25
15 MAY 2017 AT 23:23
कुछ चाँदनी में नहाई रातें मिलें कहीं तो,
ज़रा मेरी आँखों का पता देते जाना उन्हें,
कई रोज़ बीत गए कागज़ पर तारे उकेरे हुए।
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12 JUL 2018 AT 18:55
तारीफ : ek triveni
उनकी तारीफ में दो शब्द लिखने को कहा था मेरे मालिक ने
मैं नहीं लिख सका, दो शब्द कम पड़ गए उनकी तारीफ के लिए
दो शब्द में तो उनकी तारीफ होती है जो वाकई में अच्छे होते हैं।-
20 JUN 2017 AT 0:22
बिछड़ कर तेरी याद में हम आंसू बहा लेते है,
पर तेरे अश्क़ भी मेरे नसीब में नही!
दीवार पे टंगी तस्वीरे जवाब नही देती।-
1 DEC 2018 AT 22:45
हदों में बंधना कहाँ थी फ़ितरत मेरी
गर्मी-ए-एहसास से सराबोर नज़र तेरी
तू आफ़ताब तो मैं बे-लगाम दरिया हो गया-
22 JUL 2017 AT 13:02
अल्फ़ाज़ों की जरूरत नही पड़ती अहसास बताने को,
छुपाने की जरूरत नही पड़ती हमेशा आँसुओं को!
एक फ़ौजी खत की सलवटों से अपनी यादें पाता है!-
6 DEC 2016 AT 22:56
बारिश पूरी बह चुकी थी
भीगी थीं अब भी छतें कुछ
पलकें देखीं तुमने मेरी?
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