The Central government (BJPee) are hell bent on winning the delhi elections by hook or crook and students are being made scapegoats.
If you won't raise your voices now then one day you will (or your kith and kin) will meet the same fate as these attacked students..
Drive these fascist party out of power
by taking an oath of not voting
for it the next time..
Because they have abused
power against
someone else and the next
will be against you.👉-
आवाज़ को दबाना, धमकाना, डराना, नया तो नहीं है
ये देश का युवा है, इंक़लाब से कभी डरा तो नहीं है,
तुम कोशिश कर लो, तोड़ने की, जलाने की, देश को,
पर ये “नकाबपोशों” की तरह, कायरता से, कभी भगा तो नहीं है।
M.J.-
Wreathing a garland for unity.
The language of love for the people...-
अब किस बात का गम मनाते हो सब मिलकर,
तुमने नहीं बुलाई थी क्या ये बर्बादी दरवाज़े पर!-
The hearts that heal other hearts,
The hands that hold other hands,
The spines that stand for other spines,
Aren't really rare, we just can't see them
Only because we're not one of them...-
बड़े ही करीने से, वो झूठ बोलता है...।
अपनी बातों से लोगों में जहर घोलता है...।।
उसे नहीं है मतलब किसी जवाबदारी से...।
हर रोज, हर मंच पर नया झूठ बोलता है...।।
हिटलर है शायद पुरखा उसका...।
अपनी जुबानों में वो उसे बोलता है...।।
इल़्मदारों और तालीमदारों से नही बनती उसकी...।
जब देखो वो उन पर नफरतों से हमला बोलता है...।।
बेबुनियादी बहस का आला आलिम है वो...।
बेगुनाहों के लहू से हर रोज़ होली खेलता है...।।
📝AFसर©️
-
वक़्त है उनको दिखा दो,
ज़ुल्म से अब न डरेंगे।
सबको ही मरना है इक दिन,
हम लेकिन लड़कर मरेंगे।-
तू लिख़।
क़लम बेबाक़ है तेरी,
और लफ़्ज़ हैं आज़ाद।।
तू लिख़।
अपने अंदर के सैलाब को,
स्याही से दे पन्नों पे उतार।।
तू लिख़।
सोच आसमां है तेरी,
है हौसले बहती सी दरिया।।
तू लिख़।
तोड़ दे सारी बेड़ियों को,
तेरे शब्द नहीं किसी के मोहताज।।
तू लिख़।
दवात निडर है तेरी,
और क़िताब है बेख़ौफ़।।
तू लिख़।
आज़ादी के लिए,
हर दबी ज़ुबां के लिए,
तू लिख़।।
-
JNU सडकों पर है। हर बार की तरह सामने सरकार है जो गरीबों से पढऩे का अधिकार छीन लेना चाहती है। जब JNU की फीस बढती है तो सरकार आलोचक और सरकार समर्थक दोनों विद्यार्थि प्रभावित होते हैं। मार्क्सवाद और संस्कृत दोनों के विद्यार्थि प्रभावित होते हैं। AISA और ABVP दोनों के समर्थक प्रभावित होते हैं। और जब एक जगह फीस बढती है तो धीरे-धीरे बाकियों की भी बढ़ती है। इसलिए मौका है, JNU के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इसका विरोध किजिए। धार्मिक और राष्ट्रवादी अफीम के नशे से बाहर निकलीए क्योंकि "लगेगी आग तो घर आएंगे कई ज़द में यहां सिर्फ मेरा मकान थोड़ी है" ।
-
To all the BJP and RSS supporters out there,
When ABVP has conveniently disagreed with their involvement in the JNU attack, why are you guys going crazy behind Deepika who just showed her solidarity with the "attack victims" and not the "left-wing"...? How is this affecting you?
So... Do you people, accept ABVP involvement in the JNU attack... ?
🤔🤔🤔-