Mayank Jain  
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Being #भारतीय
A published writer✍
Joined 18 July 2017


Being #भारतीय
A published writer✍
Joined 18 July 2017
1 JUL AT 20:38

जो अमिट लिखा गया हो तप से, क्या वो कभी मिट सकता है!
चरणों पर चद्दर ढकने से,इतिहास कभी क्या छूप सकता है!
सुनो!
चरण वहां है, चरण वहां थे, गिरनार हमारा ही रहेगा..
नेमीनाथ के जयकारों से, हर अम्बर अम्बर गूंजेगा...

M.J.

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15 JUN AT 8:44

वो निर्भीक, सहास, विश्वास,
त्याग की खदान है,
पापा,
हर अस्तित्व, हर वजूद की एक पहचान है...

M.J.

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12 JUN AT 22:34

जिंदगी क्या है!
एक पल भर की कहानी है।
हर पल में एक जीवन है,
अगले पल सिर्फ निशानी है!
पैर जमीन पर हो भले
पर जिंदगी आसमानी है!
कल जो कुल था घर का,
आज वो भी एक कहानी है!
शाम है प्यार है या है दिल
हर रंग में फंसी रूहानी है!
क्या है जिंदगी बता दे कोई?
आग है, राख है या सिर्फ पानी है!

M.J.

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1 JUN AT 12:23

तुम मेरे लिए
जीने की एक वजह हो
तुम मेरे लिए
सुबह हो, शाम हो
तुम मेरे लिए
श्वास हो, विश्वास हो
तुम मेरे लिए
प्यारा सा एक एहसास हो
तुम मेरे लिए
दर्पण हो जीवन का
तुम मेरे लिए
धारणा हो समर्पण की
तुम मेरे लिए
अमूल्य हो चैतन्य हो
तुम मेरे लिए
संपूर्ण मेरी हो, बस मेरी!

M.J.

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31 MAY AT 9:51

श्रुत में ही लीन रहूं,
श्रुत में ही तल्लीन
जिन को शिरोधार्य कर,
नित्य रखूं मन लीन
जिन धर्म रहे जयवंत,
रहे माँ जिनवाणी सार
धर्म मर्म समझ सकूं,
खुले जिन का द्वार..

M.J.

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29 MAY AT 18:15

प्यार क्या है? जाना मैने
तुमसे करके..

तुम शहर में नहीं, तो शहर सुना!
तुमसे बात नहीं , तो दिन सुना!
तुम नहीं थी , तो सो तक नहीं पाया!
तुम बिन तो , मुस्कुराना भूल गया!
तुम बिन तो ,जीवन अधूरा लगने लगा!
तुम बिन मन , बेचैनी से भर गया!

प्यार क्या है
ये समझा आया
तुम से तुम तक
ही ये अब जीवन समाया!

M.J.

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29 MAY AT 11:20

पन्नो में बंद
शब्दों को मूंदे
बहुत सी बाते
छुपी हुई ही रही...

कोई अपना था
जिसने आंखे पढ़
सब राज़
खोल दिए!

M.J.

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26 MAY AT 22:42

तुम क्या करोगे
जब मैं नहीं रहूंगा!
चार दिन याद कर रो लोगे?
मेरी बात कर मुस्कुरा लोगे?
कहोगे किस्से मेरे या मेरे जज्बात के!
या भुला दोगे हिस्सा समझ, बिन बात के?

में नहीं रहूंगा, तो क्या हस पाओगे,
कह कर कहानी मेरी किस को बताओगे!
हा पागल सा, एक मतवाला था कोई!
क्या कह पाओगे, मेरा भी दीवाना था कोई?

में राज़ बना रहुगा, या रहुगा सबके सामने!
में नहीं रहूंगा जब तेरे दिन में ना रात में!
क्या कह पाओगे इस युग में कृष्ण था एक?
में नहीं रहूंगा, तो भी दीवानी राधा रह पाओगे?

M.J.



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22 MAY AT 22:35

मुझे समुद्र
कभी चाहिए ही नहीं!
क्योंकि
हर नदी चाहा रखती
उसमें घुल जाने की!

मुझे झील पसंद है,
सौंदर्य से परिपूर्ण
और महत्वपूर्ण ये कि
ठहरी हुई
बस एक के लिए!

M.J.

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23 APR AT 20:18

तुम अगर घर से निकलकर
वापिस सुरक्षित घर पहुंच पा रहे हो!
तो
भगवान का इसे बड़ा आशीर्वाद
शायद कुछ नहीं है।

शुक्रिया किया कीजिए!

#pahalgamattack

M.J.

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