Mayank Jain  
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Being #भारतीय
A published writer✍
Joined 18 July 2017


Being #भारतीय
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Joined 18 July 2017
16 AUG AT 9:05

नटखट इतने की
अपनी चंचलता से
पूरे वृंदावन को थका दिया..

सौम्यता इतनी की
अपना गांव बचने को
पहाड़ एक उंगली पर उठा लिया..

क्रोधित इतने की
काल को सागर से निकाल
उस पर नृत्य कर अपना स्वरूप दिखा दिया...

पवित्रता इतनी की
राधा को बांसुरी की धुन में छुपा
सब को प्रेम का अर्थ समझा दिया...

माधव इतने की
गीता का सार बता, जगत को
कर्मों का फल बतला दिया...

M.J.

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15 AUG AT 21:47

तुम जो इतराए हुए फिर रहे हो,
वो पूर्वजों के खून की कमाई है,
ये जो आजादी मिली है उस वक्त
सीने पर गोली खा कर, बंधी तुम्हारे कलाई है।

M.J.

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14 AUG AT 22:37

चरण जिसके महा सागर छुए, सिर पर सजा जिसके हो हिमालय
गंगा मां बहती जन हृदय में, सुंदर उत्तर मध्य कौसल या मेघालय
अमरत्व का वरदान सदैव , समृद्धता जिसकी पहचान है
श्री राम, महावीर, बुद्ध जन्मे जिस भूमि पर, उस “भारत” को शत कोटि बार प्रणाम है।

M.J.

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4 AUG AT 21:40

हर एक का सहारा बना है मुझे
भले ही किसी का किनार नहीं हु मैं

में भी बेफिक्र होकर बहना चाहता हु
भले ही नदी की धारा नहीं हु मैं

मुझमें भी समहित है, प्यार अनंत
भले ही सबके लिए प्यारा नहीं हु मैं

मैं सबका, सबके लिए बन कर रहु
इतना भी आवारा नहीं हु मैं

एक दिन ढूंढोगे मुझे, ऊपर चमकते सितारों में
शायद महसूस हो कि आस पास नहीं हु मैं।

M.J.

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3 AUG AT 9:27

मैंने खोल दिया पिटारा एक
दोस्तो की यादों का खजाना एक
गुजरे पल को सोच रहा था
स्कूल की कहानियों को टटोल रहा था
देख रहा था हसीन एक सफर सुहाना
दोस्तो की टोली, गाना वही पुराना,
मदमस्त घूमना, गली गली टहलना
रातों को जगना, एक दूसरे की सुनना सुनाना!
हा! मानता हु, बहुत कुछ अब बदला है
हम सबको कुछ जवाबदारियों ने जकड़ा है।
कुछ हम “तू” से “आप” हो गए है,
कुछ पास, कुछ खास तो कुछ बहुत दूर हो गए है।
पर हर गुजरे पल में दोस्तो का एक सहारा है,
याद कर वो लम्हे, आज भी ये दिल मुस्काता है।
जैसे किनारों पर सागर के खजाने नहीं आते,
जी लो दोस्त! फिर लौट के ये दोस्ती के जमाने नहीं आते!

M.J.

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30 JUL AT 10:35

नील गगन में अधर हो, शोभित निज में लीन...
नील कमल आसीन हो,नीलम से अति नील..

शंख शंखनाद तुम, तुम ही तरणहार..
शील झील में तैरते, नमन “नेमि” जिनेश जिनराज...

M.J.

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1 JUL AT 20:38

जो अमिट लिखा गया हो तप से, क्या वो कभी मिट सकता है!
चरणों पर चद्दर ढकने से,इतिहास कभी क्या छूप सकता है!
सुनो!
चरण वहां है, चरण वहां थे, गिरनार हमारा ही रहेगा..
नेमीनाथ के जयकारों से, हर अम्बर अम्बर गूंजेगा...

M.J.

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15 JUN AT 8:44

वो निर्भीक, सहास, विश्वास,
त्याग की खदान है,
पापा,
हर अस्तित्व, हर वजूद की एक पहचान है...

M.J.

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12 JUN AT 22:34

जिंदगी क्या है!
एक पल भर की कहानी है।
हर पल में एक जीवन है,
अगले पल सिर्फ निशानी है!
पैर जमीन पर हो भले
पर जिंदगी आसमानी है!
कल जो कुल था घर का,
आज वो भी एक कहानी है!
शाम है प्यार है या है दिल
हर रंग में फंसी रूहानी है!
क्या है जिंदगी बता दे कोई?
आग है, राख है या सिर्फ पानी है!

M.J.

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1 JUN AT 12:23

तुम मेरे लिए
जीने की एक वजह हो
तुम मेरे लिए
सुबह हो, शाम हो
तुम मेरे लिए
श्वास हो, विश्वास हो
तुम मेरे लिए
प्यारा सा एक एहसास हो
तुम मेरे लिए
दर्पण हो जीवन का
तुम मेरे लिए
धारणा हो समर्पण की
तुम मेरे लिए
अमूल्य हो चैतन्य हो
तुम मेरे लिए
संपूर्ण मेरी हो, बस मेरी!

M.J.

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