आँसू मेरी आँखों में है
और लोग कहते हैं
दिल उसका टूटा है
तन्हा में रह गयी इस भीड़ में
और लोग कहते हैं
उसको न सताओ वो अकेला है-
देर तक देखते रहे
हम उनसे मिलने तड़पते रहे
न वो आये
न उनकी कोई खबर
फिर भी राह
देर तक देखते रहे
आने का शौक शायद उन्हें नहीं था
पर हम तो पागल थे न
उनसे वफ़ा कर बैठे
ओर उनकी वेवफाई की आदत को
देर तक देखते रहे-
वो आँखों का वो आँसू सा लगता है
जो थम जाए अगर आँखों में
तो अपना सा लगता है
ओर बह जाए अगर आँखों से तो
दिल का हर दर्द छोटा सा लगता है-
फिर वही रात वही चाँद वही तुम वही मैं
क्या किसी छत के मुक़द्दर में लिखे जाएँगे
- Vibha
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रात के इंतज़ार में सुबह से मुलाकात हो गई
शायद कल की वो शाम ढलना भुल गई
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Raat ki kaali chadar par roshni ka dera hai
Taaro ke aangan me chand ka Basera hai-
रात दिन और दिन रात
कहाँ गया अब तेरा साथ
कैसे जियें अब हम
बिन तेरे ओ सनम-
शब-ए-इश्क में जब वो हद से गुजर गया होगा
रंग-ए-हया से फिर रुख्सार निखर गया होगा
जुल्फों के साये में कुछ वक़्त तो गुजरा होगा
नज़रें मिलाके दो पल को वहीँ ठहर गया होगा
सुर्ख़ लबों पे बोसों की बारिश जो हुई होगी
मय का हर घूँट हलक में उतर गया होगा
बाँहों के घेरे जब ता-कमर पहुँचे होंगे
कैद में उनकी फिर महबूब बिखर गया होगा
चाँदनी रात जो गुजरी होगी वस्ल की आगोश में
सहर होते ही 'मौन' फिर जाने किधर गया होगा-
उम्मीदों के सूरज तो कई देखे है
सितारों से आस की वो रात ही कुछ ओर थी
एक रात ठहर कर आया हूँ कयामत के शहर मे
पर तेरी नादान मुस्कान की बात ही कुछ ओर थी
यू तो देखी है कई बारिशे हमने
जिसमे भीग रही थी तु वो बरसात ही कुछ ओर थी
रोज़ मिलने आती है खुशियाँ मुझसे ज़िंदगी बन कर
तुझसे वो पहली मुलाकात ही कुछ ओर थी
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उन रातों का क्या करूं जिन रातों में मैं रोया हूं
नींद थी आंखो में फिर भी ना सोया हूं
बोलती है ये रातें हिसाब कर दो हमारा
तेरे गिरते हुए आंसुओं को पोंछा है हमने-