मैं नुक्कड़ के बेसबब बवाल सावो शायर के पाक ख्याल सी है मैं जंग लगे खंजर की तरहवो ज़ख्म पर रुमाल सी है मैं सीधा सरल हिंदी की तरह वो गणित के किसी सवाल सी हैमैं ढलते हुए सूरज की तरह वो चाय के सुर्ख उबाल सी हैमैं गम मे भी मुक्कमल हूँ वो सुकून मे भी मलाल सी है -
मैं नुक्कड़ के बेसबब बवाल सावो शायर के पाक ख्याल सी है मैं जंग लगे खंजर की तरहवो ज़ख्म पर रुमाल सी है मैं सीधा सरल हिंदी की तरह वो गणित के किसी सवाल सी हैमैं ढलते हुए सूरज की तरह वो चाय के सुर्ख उबाल सी हैमैं गम मे भी मुक्कमल हूँ वो सुकून मे भी मलाल सी है
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अपनी हार का जश्न मैं मनाता कहाँ गर मैं यहाँ नहीं आता तो जाता कहाँ इस मैखाने के कर्ज़ बड़े है मुझपर मैं बोतल को मुह न लगाता ये मेहर चुकाता कहाँ मैं ठहरा एक मामूली सा जुगनु खुद को ना जलाता तो आज़माता कहाँ इतना करीब आ कर बिछड़ा है वो मुझसेयहाँ बेवफाई न जताता तो निभाता कहाँ खुद को मनाने की कोशिश मे हू कब से अब ना बहलाता तो जिस्म दफनाता कहाँ -
अपनी हार का जश्न मैं मनाता कहाँ गर मैं यहाँ नहीं आता तो जाता कहाँ इस मैखाने के कर्ज़ बड़े है मुझपर मैं बोतल को मुह न लगाता ये मेहर चुकाता कहाँ मैं ठहरा एक मामूली सा जुगनु खुद को ना जलाता तो आज़माता कहाँ इतना करीब आ कर बिछड़ा है वो मुझसेयहाँ बेवफाई न जताता तो निभाता कहाँ खुद को मनाने की कोशिश मे हू कब से अब ना बहलाता तो जिस्म दफनाता कहाँ
आदतन तो ये हमारी अदा नहीं गर आपको पसंद है तो हम आदत बना लेंगे।। -
आदतन तो ये हमारी अदा नहीं गर आपको पसंद है तो हम आदत बना लेंगे।।
कुछ सलाह और तजुर्बो से ज़िंदगी बेज़ार कर के देखते हैगर कुछ ना मिला तो खुद को औज़ार कर के देखते हैं नाउम्मीद मे रहे न जाने कब से अब थोडा इन्तज़ार कर के देखते है।खुद ही खुद मे गुम रहे ताउम्र चलो किसी ओर पर एतबार कर के देखते है।ये दोस्ती-वोस्ती का सिलसिला बहुत हुआचलो अब किसी से प्यार कर के देखते है।जो अगर कुछ करना ही हैतो चलो इज़हार कर के देखते है।उजड़ा अतीत है तो क्या हुआ बाकि ज़िंदगी गुलज़ार कर के देखते है। -
कुछ सलाह और तजुर्बो से ज़िंदगी बेज़ार कर के देखते हैगर कुछ ना मिला तो खुद को औज़ार कर के देखते हैं नाउम्मीद मे रहे न जाने कब से अब थोडा इन्तज़ार कर के देखते है।खुद ही खुद मे गुम रहे ताउम्र चलो किसी ओर पर एतबार कर के देखते है।ये दोस्ती-वोस्ती का सिलसिला बहुत हुआचलो अब किसी से प्यार कर के देखते है।जो अगर कुछ करना ही हैतो चलो इज़हार कर के देखते है।उजड़ा अतीत है तो क्या हुआ बाकि ज़िंदगी गुलज़ार कर के देखते है।
आज खुशियाँ तो बहुत आयी थी मिलने मुझसे लेकिन उसके एक गम ने मुझे उदास कर दिया...... -
आज खुशियाँ तो बहुत आयी थी मिलने मुझसे लेकिन उसके एक गम ने मुझे उदास कर दिया......
तेरे मेरे दर्मियाँ तो कुछ बाकि नहीं अबतेरी यादो को भुलाना इतना मूहाल क्यू हैं ।।रोज़ करता हू कोशिश तुझे भुलाने कीतू मेरी हर सुबह का पहला खयाल क्यू हैं ।।यू तो कोशिश है तेरी फ़िक्र ना करु अबतेरी खैरियत जानने के लिये मन मे इतने सवाल क्यू हैं।।तेरे साथ होने से परेशानियाँ थी कई मुझको अब तू नहीं तो ज़िंदगी मे इतने बवाल क्यूँ हैं।। -
तेरे मेरे दर्मियाँ तो कुछ बाकि नहीं अबतेरी यादो को भुलाना इतना मूहाल क्यू हैं ।।रोज़ करता हू कोशिश तुझे भुलाने कीतू मेरी हर सुबह का पहला खयाल क्यू हैं ।।यू तो कोशिश है तेरी फ़िक्र ना करु अबतेरी खैरियत जानने के लिये मन मे इतने सवाल क्यू हैं।।तेरे साथ होने से परेशानियाँ थी कई मुझको अब तू नहीं तो ज़िंदगी मे इतने बवाल क्यूँ हैं।।
वो खुला आसमान मैं जमी हूँ वो बारिश की बूँद मैं नमी हूँ जो आज भी खलती है उसको मैं वो कमी हूँ -
वो खुला आसमान मैं जमी हूँ वो बारिश की बूँद मैं नमी हूँ जो आज भी खलती है उसको मैं वो कमी हूँ
Ek wo tha badal gya,Ek me thaBikhar gya,Ek waqt thaguzar gya........ -
Ek wo tha badal gya,Ek me thaBikhar gya,Ek waqt thaguzar gya........
उम्मीदों के सूरज तो कई देखे हैसितारों से आस की वो रात ही कुछ ओर थीएक रात ठहर कर आया हूँ कयामत के शहर मे पर तेरी नादान मुस्कान की बात ही कुछ ओर थीयू तो देखी है कई बारिशे हमने जिसमे भीग रही थी तु वो बरसात ही कुछ ओर थी रोज़ मिलने आती है खुशियाँ मुझसे ज़िंदगी बन कर तुझसे वो पहली मुलाकात ही कुछ ओर थी -
उम्मीदों के सूरज तो कई देखे हैसितारों से आस की वो रात ही कुछ ओर थीएक रात ठहर कर आया हूँ कयामत के शहर मे पर तेरी नादान मुस्कान की बात ही कुछ ओर थीयू तो देखी है कई बारिशे हमने जिसमे भीग रही थी तु वो बरसात ही कुछ ओर थी रोज़ मिलने आती है खुशियाँ मुझसे ज़िंदगी बन कर तुझसे वो पहली मुलाकात ही कुछ ओर थी
महोब्बतो का शहर एक पल मे बर्बाद हो गयाएक सच्चा आशिक़ प्रीत से आज़ाद हो गया... -
महोब्बतो का शहर एक पल मे बर्बाद हो गयाएक सच्चा आशिक़ प्रीत से आज़ाद हो गया...