QUOTES ON #PHALGAM

#phalgam quotes

Trending | Latest
29 APR AT 7:31

बिछड़ने के बाद ये अहसास होता है
बिछड़ने वाला वाकई खास होता है

-


23 APR AT 16:22

जिस शहर को हम प्यार की वादियों सा समझते थे
वो नफ़रत की वादियां सा बनता जा रहा है
प्यार शब्द को दूर कर, बस नफ़रत फैला रहा है
उसे इंसान हो के इंसान से मतलब नहीं
जाने किस किस्म का हैवान बनता जा रहा है
ना उसको मतलब था मुल्क से ,
ना था जाति से
उसको मतलब था तो बस धर्म से
जो था अगर हिंदू ,तो
वो उसेबेरहमी से मारता जा रहा था।।।
अफसोस है
की क्या ये वही हिंदुस्तान है!
जिसकी पहचान "unity in diversity "से हुआ करती थी

Emotiontowrite
Ankita

-


23 APR AT 14:46

कश्मीर की घटना बता रही है,
इतिहास से अगर सीख न ली जाए,
तो इतिहास पुनः वर्तमान बनकर सामने आ जाता है .....

-


25 APR AT 5:22

फिर इंसानियत की बलि चढ़ी,
मासूम ज़िंदगियाँ हमने खोई हैं।
ना कोई चीख़, ना कोई सवाल,
लाशें गिरी, और इंसानियत रोयी है।
उस आंगन में सहमा चाँद, सहमी रातें हैं,
हर कोना पूछे - कहाँ हैं वो बातेँ हैं?
मन कराह रहा, जुबां में खामोशी है,
माँ की ममता आज फिर हारी है।

खोईं हैं साँसें बेगुनाहों की,
हिंद की आंखे भर आयीं हैं।
किससे कहें ये दर्द, किसे पुकारें?
कफ़न में लिपटकर उम्मीद आयी है।
जन्नत थी घाटी, फिर हूई दागदार,
नन्हें खिलौनों पे खून के छींटों से।
जिन आंखो में कल रौनक थी,
आज आँसू से वो पथराई हैं।

हिंद के हर कोने से अब आवाज़ आयी है,
अब थमेगा ये दौर, अब बेरहमी की बिदाई है।
अब बस ये लाशें नही खबर बनेंगी,
अब और न सिसकियां दबी रहेंगी।
बोल रहें सब की अंब सब मुमकिन है,
डरने की बारी अब उनकी आयी है।
अबकी दहाड़ की गूंज मिसाल बनेगी,
उनकी सोच से पार चीखें जाएंगी।
नफरती सोच को दफन करने को,
हर हिंदुस्तानी ने आज कसम खाई है।

अब फना करेगा जज़्बा हिंद का,
नफ़रत के इन ठेकेदारों का,
फिर मजहब को हथियार बना,
जिस सोच ने इंसानियत को मारा है।
उस सोच को सहमना अब होगा,
नफरत की आवाज को थमना होगा।
अब कोई सवाल न होगा,
बस इंतकाम ही जवाब होगा।
खत्म करेंगे कायर मंसूबों को,
सरहद पार आतंकी सूबों को।

अब न कोई आंचल यूँ सूना होगा,
न किसी की उम्मीदें दम तोड़ेंगी।
जय हिंद का होगा उद्घोष हर ओर,
मां भारती की दहाड़ का होगा शोर।

-


24 APR AT 20:16

Choti si hai zindagi, Muskurane ke hai kuch pal, Haste khelte guzar jati zindagi milke, Par Kayaro ki soch ne hame bata diya hai, Machake dharam ka dhong kitno ko mara hai, Karte hai ekta ka dikhava, Hota khub shor, Lekin bad mai phir wahi sannata hai.

-


22 APR AT 23:02

ना बोली देखी, ना मेरी जात देखी,

ना मेरा वतन, ना हालात देखी,

बस पूछा—'हिंदू है?'—इतनी सी बात,

और छीन ली मुझसे मेरी हर सौगात।


                     

-