जो बातें दिल में छुपा ली थी मैंने....
सच कहें तो.....
... चुभती बहुत हैं...!-
# नवोदय #
तुने मुझे सात साल में
बंद पिंजरे में रख उड़ना सिखा दिया।
चार दिवारी में रख कर जन्नत में घुमा दिया।
जहाँ भी गये लोगों ने मुझे नवोदयन कह कर गर्व करा दिया।
अब बारी मेरी है,
मैं आज प्रतिज्ञा करती हूँ.......
हर किसी के नसीब में नहीं होता, इस ज्ञान का कर्ज मैं चुकाऊँगी।
जितना गर्व मुझे होता है, एक दिन तुझको भी मेरे पर करवाऊँगी।-
इश्क के सफल विफल के बीच में,
दुवधित मन बार बार विचलित हो रहा है,
गर इश्क के परवाने है ! सभी,
तो कैसा इश्क मुकम्मल कहला रहा है ।।
अनुशीर्षक में पढ़ें 🙏💓✍️
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नवोदय की तो बात ही निराली है...❤️
Alumni ho ya fresher🤔 experience sb ka ekk dmm same hota h...
Fir chahe vo assembly mein late jana ho..🏃🏃🏃ya phir sube sube pt mam se thapadd khana ho😂😂😂
#navodya story❤️❤️🤘🤘
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Navodaya diary💖💙
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Navodaya ke bo pyare pl chhod aai hu.
Saman rkhne bale bakshe ko yado se bhr laai hu
Sath salo ki navodaya diary ke
Hr panne ko rango se sja kr laai hu
Jb navodaya gai thi to akeli thi
Aaj akele pdne pr navodiyan dosto ko yad krti hu😍
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हरकतें पागलों सी😬😵
पर कविता की दीवानी है. ❣️ #PADMA
ख़ुद में वो खोई हुई
अपने आप से अनजानी हैं
उदास हम से मगर
# PRACHI❣️ मदद करने को तैयार है
नाराज़ हर पल.....😊
लेकिन हर कोई उसका यार है
उलझीं सी वो
उसकी दोस्तों से है जिंदगी
क्या कहूँ उसके बारे मे। ❣️ #KAMNA
मानो कूड़ेदान की गंदगी😜🤫
मुस्कुराना है उसकी आदत #KANISHKA❣️ चिढ़चिढ़ाना निशानी है😣😁
बस इतनी सी ही हमारी
कनिष्का की कहानी हैं।😑🤗
Kshama-
यूं उलझ के हम रह गए है, स्त्रियों की तकलीफों में
बराबरी का दर्जा दिलाने में भूल चुके है मर्दों की तकलीफों को?
क्या सिर्फ औरतों को ही सहना पड़ता है कटाक्ष इस समाज का?
मर्द पे क्या गुजरती है कभी सोचा है इस समाज ने?
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सात सालों के बंधन का वो , जिंदगी भर साथ निभाते हैं ।
घर से बिछड़ वह एक नया संसार बनाते हैं ,
सारी दुनिया से अच्छे उन्हे रिश्ते निभाने आते हैं ,
ऐसे ही थोडी ना वो navodyan कहलाते हैं ।
जात-पात, भेदभाव से ना उनके कुछ नाते है,
दोस्तों के साथ बैठकर एक ही थाली में खाना खाते हैं,
हमको नवोदय ने सिर्फ शिक्षा ही नहीं दी,
जिंदगी जीने का तरीका भी navodya ने सिखाया है,
चाहे teachers से कितना भी डाट खाए ,
या hostels मे कितनी भी परेशानी उठाए ,
जितनी भी मुश्किलें आए ,हर मुश्किल को हल कर जाते है,
बेशक नवोदय को आपस मे पिंजरा या कैदखाना कहे,
पर सबके सामने नवोदय को jannat ही बताते हैं,
ऐसे ही थोडी ना वो नवोदयान कहलाते हैं।।
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