आज भी Navodaya की यादें ताजा कर लेता हूं,
बड़ा सा गेट होते हुए भी घर की दीवार फांद लेता हूं।-
मेरा हर चेहरा दिखाई दे,
जरूरी है क्या।
वफा लेने वाला भी वफाई दे,
जरूरी है क्या।।
कितने महरूम¹ होते है सन्नाटे,
जो कुछ कह नहीं पाते,
या ये कहूं, कि तुमको सुनाई दे,
जरूरी है क्या।।-
नवोदय
हम सात बरस क्या उनमें बसे
वो ताउम्र अपना बना गये....
बंद पिंजरे में भी रखके हमें
ऊँची आसमां मे उड़ना सीखा गये....
लाख नवाज़िश देते हम उन्हें
जो हमें इस क़ाबिल बना गये....
चार दीवारी में भी रखकर
हमें जन्नत की सैर करा गये....
जहां भी गए, जिससे भी मिले
हम गर्व से "हमीं नवोदय हो" कह गये....-
मैं नहीं पूछता वो बातें, जो तुमने नहीं बताई थीं ,
विश्वास किया था तुम पर बस, उम्मीदें नहीं लगाई थीं।
माना मेरी गलती थी, जो इतना ज्यादा प्यार किया ,
तुम कभी नहीं थी उस लायक, जितना तुमको अधिकार दिया।
मंसूबे अपने सब लेकर, हमने जो लिखी थी अभिलाषा ,
विश्वासघात का दरिया तुम, ऐसी है तुम्हारी परिभाषा।
गर रुसवाई में वो लिख दूं, जो तुमने कभी छिपाई थी।
मैं नहीं पूछता वो बातें, जो तुमने नहीं बताई थीं।।
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लोग पूछते है मुस्कुराने का राज क्या है,
कैसे बताऊ कीमत चुकाई है मुस्कुराने की।
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यादें कलम की
कलम ने कागज पे कहानी कही हैं
कुछ बचपन की, लङकपन की
याद बहुत पुरानी कही है
कुछ यारी की,दिलदारी की
हाथों ने सिले होठों की जुबानी कही है
कुछ अपनों की, गैरों की
दिल-ए-महफिल बेगानी कही है
कुछ बस्ती की और हस्ती की
जद्दोजहद दरमियानी कही है
आज फिर कलम ने बात ये सुहानी कही है|
- दीप
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बीत जाएगी यूंही जिन्दगी,
ढूंढ ना फिर किस्सों में!!
ना कोसना फिर वो पलो को
यूं लकीरों के हिस्सों में!!
समझा ले अपने दिल को
वो आखिर क्यू रोता है!!
उसे बोल दे ये कश्मकश
सबके साथ ही होता है!!
चल उड़ान भर ये आसमां में
,चीर दे हवा का डोर
देखेगी फिर दुनिया सारी
तेरी कामयाबी का शोर!!
यूंही ना जाने दे जिन्दगी को,दिल खोल के तू जी
ये जिन्दगी के हर नशे को निचोड़ के तू पी!!
- Blueheart💙(राजेन्द्र मरावी)
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नवोदय 🏫 के वे ख़ूबसूरत पल आज भी याद आते हैं
जो इन लबों पर हंसी और आखो में नमी😔 छोड़ जाते हैं
आज भी कितनी बार जब बहुत देर🌉 हो जाती हैं
सुबह🌄 PT में निकलना हैं.. ये सोचकर🛌 सो जाते हैं
कभी हाउस को लेकर कभी class🏛️ को लेकर
सारे झगड़े🤷 याद आते हैं
Saturaday की देर रात तक मस्ती
और mess से चुराई वो रोटी🍞 याद आती हैं
Wing के उस store room की याद आती हैं
जहां सबसे छुपाकर एक kitchen👨🍳 बनाईं जाती हैं
हॉस्टल में कि हुई हर शरारतें😎 आज भी याद आती हैं
लाइट💡 बन्द करके वो दोस्त की पिटाई आती हैं
पकड़े जाने पर वो मासूम सा🤭 बन जाना
House madam के जाते ही फिर से डांट😏 का repeat telecast दिखाना 😜
सच में बहुत याद आता है वो नवोदय का ज़माना 😔।
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