जिस सफ़र पर हम निकले हैं, इसको हम ही ने चुना हैं।
जिंदगी जीना आसान होता है, ये बात कही नहीं सुना हैं।
मैं कैसे हार जाऊं इन तकलीफों के आगे,
मेरी तरक्की की आस में, मेरी मां ने हर मंदिर में घुटने टेका हैं।-
मुक्कमल ना सही अधुरा ही किया होता हम सबकुछ लुटा देते तुम पर अगर तुमने इश्क किया होता
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तुम देखने आते क्यों नहीं हमारा हाल क्या है
तुम्हारा दिल नहीं करता या रकीब से फुर्सत नहीं-
Meri kalam k sath main insaaf nhi kr pa rha hu
e-bewafa tere siva kuch or nhi likh pa rha hu-
क्या लिखे उनके लिए जो उन्हें
मेरी हालात समझ आये ,
किस तरह बया करे खुद को जो
उन्हें मेरी हर बात समझ आये।-
Walidain wo shajar hain ,
Jo boodhe hokar bhi humko saya dete hain ..!!-
Alfaazon ke jadugar ho aap ,
Ho jaye har koi mureed aapka
Kuch aese qalamkaar ho aap ..-
महबूब की पायल पति की बेड़ियां ---------!!
क्या फ़र्क है इन दोनों अल्फाजों में----------!!
आइये समझती हूं ______!!
एक पत्नी हूं तो पायल बेड़ियां है,
एक महबूबा हो तो बेड़ियां पायल है,
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किसीको इतना भी मत डराओ
कि डर डर के उनके दिल से,
तुम्हारा डर ही खत्म हो जाये और
वो तुम्हारे खिलाफ खड़ा हो जाये !!
"क्योंकि हर बात की एक हद होती है"
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