इस जिंदगी की दौड़ में, कम्बख्त बहुत ठोकरें खायी है
कभी सपनों से, तो कभी अपनों से तकलीफें पायी है
थक गया हूं, मगर फिर भी चलता जाउंगा
क्योंकि मेरी मां ने मेरी success के पीछे अपनी हंसी छिपायी है।-
और जरूरत से कम कभी उसने दिया नहीं...!!@_*
अब यहां... read more
तू उम्मीद हार चुका है, इस बात में तेरी कोई शान नहीं है।
मां-बाप के बिना, कितनी भी लम्बी ऊंचाईयों का कोई मान नहीं है।
कुछ कर इन टूटते हुए ख्वाबों को सच करने के लिए,
क्योंकि अब ये सवाल सिर्फ तेरा नहीं, तेरे मा-बाप के सम्मान की है।-
जानता हूं एकदम टूट गया है तू ,हर बार नाकाम होकर,
अब तो तुझे पसंद आने लगें हैं ,ऊंचे सपने देखना सिर्फ सोकर,
क्या तुझे तकलीफ़ नहीं ,तेरे सपने रह जा रहे सिर्फ ख्वाब बनकर,
तकलीफ़ हैं तो उठ! और हर हार के बाद ,एक कोशिश और कर।-
जिस सफ़र पर हम निकले हैं, इसको हम ही ने चुना हैं।
जिंदगी जीना आसान होता है, ये बात कही नहीं सुना हैं।
मैं कैसे हार जाऊं इन तकलीफों के आगे,
मेरी तरक्की की आस में, मेरी मां ने हर मंदिर में घुटने टेका हैं।-
कुछ नहीं कर सकता तु, अपनी चुनौतियों से दूर भाग कर,
तुझे अपनी मंजिल खुद पानी है, खुद को समझा कर,
छोड़ ये दुनियादारी तु, अपने बुरे दिन को याद कर,
अभी तु हार ना मान, एक कोशिश और कर।-
कैसे जीता है यार तू , यूं खुद को हारा हुआ मान के,
लगता है सच में बुजदिल हों गया तू ,लोगों की बातें सुन-सुन के,
अगर हां तो जीना छोड़ , नहीं तो दिखा कुछ सबसे अलग करके,
कुछ ऐसा जिससे दुनिया को लगें कि ग़लत किया इन्होंने तुझको फालतू समझके।-
जब कुछ करने का वक़्त आया तो पहला हारा खुद को पाया
पहली सीढ़ी अंजानी सी मिली जिसे उस घड़ी पहचान ना पाया
अंदाजा ही नहीं था जैसे हालात हुए, सोचा ही नहीं इसको कभी
अब जो कहूं मै आगे कि तो चुनौती भी दूंगा और मै ही जीतूंगा भी
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याद रख जब भी तु हारेगा, तो तु अकेला नहीं हारेगा।
अगर तू मुश्किलों से डरा, तो लाखों सपनों को मारेगा।
सोचना छोड़ इस दुनिया के लिए, सोचो सिर्फ उस मां को जो दिन रात आंखें बिछाए रहतीं हैं।
और हर एक से कहती हैं, देखना एक दिन मेरा बेटा IAS बन कर आयेगा।
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जिंदगी में मिलेगा हीं क्या, जब तुम परिश्रम से भागोगे।
अगर क़िस्मत के भरोसे बैठोगे, तो हमेशा हारोगे।
मगर जब तुम अपनी मुश्किलों से ज्यादा, इरादों पर एतबार करोगें।
तो देखना उस दिन तुम, अपनी किस्मत को ख़ुद हरा लोगे।-
आज ठोकर लगी तो तु रुक गया, क्या यही तक चलना था तुझे,
हार कर अपनी जिंदगी से, क्या यही तक लड़ना था तुझे,
नहीं। तू खुद को देख, तेरे सपने कहीं बड़े है इन ठोकरों से,
तेरे सपने तेरे होंगे, बस इन ठोकरों को ठोकर मार कर, तू छीन ले अपने सपने इनसे।-