Navodaya,,
ka wo hindi pakhwada,
Or humari shishodiya mam,,
House or class competition,
Nibandh,kavitaye or mam ka apnapan..
Bahut yaad aate hai,
Wo hostel ke din or,,
Humare sikshhakgan....
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हिंदी राष्ट्रभाषा ना सही मातृभाषा है...
और माता का स्थान ह्रदय में होता है...
माँ के अतिरिक्त उस स्थान पर....
माँ जैसा भी कोई विराजमान नहीं होता .....
एक हिंदुस्तानी का ह्रदय हिंदी को प्राथमिकता देता है...
और ह्रदय का कोई संविधान नहीं होता...
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संस्कृत से उपजी संस्कृति का शृंगार हूँ
जन-जन के भाव भारत की पहचान हूँ
वीणा के स्वर, अपनत्व की जलधार हूँ
कर बद्ध जो शीश झुके हाँ वही नमस्कार हूँ
अज्ञेय, मीरा, महादेवी, के बागों की बहार हूँ
अलंकार, रस, छंद, समेटे शब्दों का भंडार हूँ
गाँव की मैं सौंधी मिट्टी, शहर की आवाज़ हूँ
सरल, सहज वात्सल्य लिए मैं हिंदी बस प्यार हूँ-
हम चाहे कितनी ही भाषाएँ बोल ले पर अपने दिल के जज्बात अपनी मातृभाषा (माँ के जैसी लगाव और प्रेम वाली) में ही ठीक से बयान होते हैं ,
हमारी बातो को तो लोग किसी भी भाषा मे समझ जाये
पर हमारे दर्द को समझना और दिल से जुड़ने का काम
हमारी मातृभाषा ही करा सकती है ।
मेरी मातृभाषा हिंदी है , और आप सभी को हिंदी दिवस
की सुभकामनाएँ 🙏🙏😊😊❣️-
मेरी पहचान
मेरी भाषा
सिन्ध-हिंद-हिन्दु
हिन्दी - हिन्दुस्तान
मातृ भाषा दिवस कि आप सभी को हार्दिक बधाई-